2 News : एक्ट्रेस के लिए इतने गंदे शब्दों का प्रयोग करते थे पिता, TMKOC की 'बबीता जी' ने शादी को लेकर कही यह बात

शाइनी दोशी (35) छोटे पर्दे की मशहूर एक्ट्रेस हैं। उन्होंने 'पांड्या स्टोर' और 'जमाई राजा' जैसे सीरियल्स से खूब सुर्खियां हासिल कीं। शाइनी के पिता को उनका शूटिंग पर देर रात तक रुकना पसंद नहीं था और वे उन्हें काफी बुरा-भला कहते थे। शाइनी ने हाल ही में अपने पिता के बुरे रवैये के बारे में बात की। शाइनी ने खुलासा किया कि जब वह 16 साल की थीं तो उनके पिता उन्हें प्रॉस्टिट्यूट कहकर बेइज्जत करते थे। शाइनी ने सिद्धार्थ कन्नन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मेरे पिता मुझे वेश्या कहते थे। मेरी प्रिंट शूटिंग अहमदाबाद में काफी देर से चलती थी। कभी-कभी 2 या 3 बजे रात को पैक-अप होता था।
मम्मा हर शूट में मेरे साथ होती थी, तब मैं सिर्फ 16 साल की थी और जब हम घर आते थे, तो ऐसा नहीं था कि वो पूछे कि तुम ठीक हो? सुरक्षित हो? वो खराब शब्द बोलते थे। जैसे रात के 3 बजे तक बेटी को ले जा रही हो? धंधा करवा रही हो क्या? उनकी भाषा खराब थी। शाइनी के पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं और एक्ट्रेस ने बताया कि उनके निधन से दो साल पहले तक वह अपने पिता से बातचीत नहीं कर रही थीं। शाइनी ने कहा कि मुझे अब इस बात का अफसोस है। ये जिंदगी की कुछ गांठें हैं जिन्हें आप खोल नहीं सकते।
मैंने इस जिंदगी से सबक सीखे, लेकिन आज भी कभी-कभी बहुत कमजोर महसूस करती हूं क्योंकि मेरी जिंदगी में कोई पिता जैसा नहीं है, जो मेरा सपोर्ट कर रहा है। बता दें शाइनी ने मॉडल के रूप में करिअर शुरू किया था। इसके बाद वह सैफ अली खान के साथ एक एड में नजर आईं। दिग्गज फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली के सीरियल ‘सरस्वतीचंद्र’ से उन्होंने एक्टिंग डेब्यू किया, जिसमें उन्होंने कुसुम देसाई व्यार का किरदार निभाया। इसके बाद वह पॉपुलर सीरीज ‘सरोजिनी एक नई पहल’, ‘बहू हमारी रजनीकांत’, ‘जमाई राजा’ और ‘लाल इश्क’ में नजर आईं। ‘पांड्या स्टोर’ में उन्हें खास पहचान हासिल हुई।
मुनमुन दत्ता ने कहा, मां ने कभी मुझ पर शादी करने का दबाव नहीं डाला…
एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता (37) को सब 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की ‘बबीता जी’ के रूप में जानते हैं। मुनमुन ने इस किरदार से घर-घर में पहचान बनाई है। हालांकि इस मुकाम को हासिल करने में उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी। मुनमुन ने 'ईटाइम्स' के साथ बातचीत में अपनी पर्सनल लाइफ पर बात की। मुनमुन ने अपनी मां के लिए कहा कि एक शब्द काफी नहीं है। ये एक रोलर कोस्टर की तरह है। हमारे बीच प्यार है। हमारे बीच गुस्सा है। दोस्ती है।
मैं उनसे अपनी लाइफ में चल रही सभी चीजों के बारे में बात कर सकती हूं। मेरी मां की बहुत कम उम्र में शादी हो गई थी और उन्होंने अपना पूरा जीवन हमें पालने और परिवार की देखभाल में बिता दिया। मेरी मां ने मुझे हमेशा जीवन जीने के लिए मोटिवेट किया। उन्होंने कभी मुझ पर शादी करने का दबाव नहीं डाला। वाकई में उन्होंने हमेशा मुझे अपने करिअर, ट्रिप और लाइफ पर सारा ध्यान लगाने के लिए कहा है। जब होमटाउन में लोग मेरी शादी के बारे में पूछते हैं तो मां मेरे लिए स्टैंड लेती हैं।
वह गर्व से उन लोगों से कहती हैं कि मैं अभी शादी नहीं करना चाहती हूं और वह मेरा पूरा सपोर्ट करती हैं। करिअर के शुरुआती दिनों में मुझे संघर्ष करना पड़ा। मुझे अपने पीजी का किराया चुकाने और पोर्टफोलियो के लिए फोटोग्राफर को पैसे देने के लिए पैसे की जरूरत थी। मेरी मां ने पापा को बताए बिना, अपनी सेविंग्स से मुझे पैसे दिए थे। उस पैसे से मुझे किराया चुकाने और अपना फोटोशूट कराने और ऑडिशन देने में मदद मिली थी। उस एक सपोर्ट ने मुझे काफी कुछ दे दिया।