पटना में एक और कारोबारी की हत्या, गोपाल खेमका के बाद अब मार्ट संचालक को गोलियों से भूना, परिवार में पसरा मातम

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गोपाल खेमका हत्याकांड के सदमे से अभी पटना उबरा भी नहीं था कि शुक्रवार रात एक और दिल दहला देने वाली वारदात ने शहर को झकझोर दिया। अपराधियों ने इस बार तृष्णा मार्ट के मालिक विक्रम झा को अपना निशाना बनाया। पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के जकरियापुर इलाके में बदमाशों ने उनके घर में घुसकर बेरहमी से गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। विक्रम झा दरभंगा के रहने वाले थे और पटना में अपने व्यवसाय को ईमानदारी और मेहनत से आगे बढ़ा रहे थे। उनका मार्ट इलाके में लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा था।


इस वारदात के बाद कारोबारी वर्ग में डर और आक्रोश का माहौल है। यह घटना बताती है कि पटना में व्यापारी अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जानकारी मिलते ही सिटी एसपी पूर्वी परिचय कुमार मौके पर पहुंचे और जांच का जिम्मा संभाल लिया। उन्होंने हत्या की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं, लेकिन जांच में बाधा न आए, इसलिए अभी खुलासा नहीं किया जा सकता।

बताया जा रहा है कि बीते कुछ ही दिनों में पटना में लगातार तीन कारोबारियों की हत्या हो चुकी है। 4 जुलाई को गोपाल खेमका, 10 जुलाई को बालू व्यवसायी रामानंद यादव और अब 12 जुलाई को विक्रम झा की हत्या ने व्यापारिक जगत को पूरी तरह से दहशत में डाल दिया है। ऐसे हालात में जहां एक ओर परिवार गहरे सदमे में हैं, वहीं दूसरी ओर कारोबारी संगठनों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।

पुलिस का कहना है कि कारोबारी रंजिश से लेकर अन्य सभी एंगल्स पर जांच की जा रही है। मृतक के परिजनों से बातचीत कर सुराग जुटाए जा रहे हैं, और इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके।

घटना के बाद स्थानीय व्यापार संघों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने प्रशासन से यह मांग की है कि अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए और व्यावसायिक इलाकों में पेट्रोलिंग और सुरक्षा बढ़ाई जाए।


पटना में हाल ही में स्कूल संचालक अजीत कुमार की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे साफ जाहिर होता है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं। लगातार हो रही इन घटनाओं से पटना जैसे शहर में आम लोगों का भरोसा कानून व्यवस्था से डगमगाने लगा है।

अब सवाल उठता है—आखिर व्यापारी कब तक डर के साए में जीते रहेंगे? क्या प्रशासन इन हत्याओं को रोक पाने में सक्षम है या फिर अपराधियों को खुली छूट मिल चुकी है? इस सवाल का जवाब हर पटनावासी आज जानना चाहता है।