सीमा पर देश की रक्षा, घर में अपनों पर हमला, तमिलनाडु के सैनिक की मुख्यमंत्री से भावुक गुहार

Hero Image

देश की सीमा पर तैनात जवान मुरली जगन उस समय टूट गए जब उन्हें पता चला कि तमिलनाडु में उनकी पत्नी और मां पर बेरहमी से हमला हुआ है। इंडो-भूटान बॉर्डर से उन्होंने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और जिला पुलिस से अपील की है कि उनके परिवार को न्याय दिलाया जाए। जवान का आरोप है कि संपत्ति विवाद में उनके चाचा से जुड़े लोगों ने उनकी पत्नी और मां को पीटा, लेकिन अब तक उचित कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। छुट्टी नहीं मिलने के कारण वह खुद लौट भी नहीं पा रहे हैं और दूर बैठे मदद की गुहार लगा रहे हैं।


तमिलनाडु के एक जवान ने भावुक अपील करते हुए राज्य सरकार से तत्काल मदद की मांग की है। इंडो-भूटान सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जवान मुरली जगन ने आरोप लगाया है कि रामनाथपुरम ज़िले में उनकी पत्नी और मां पर छह लोगों ने हमला किया, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं। जवान ने इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है।

मुदुकुलाथुर के रहने वाले मुरली 2020 में सेना में शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि 2016 में उन्होंने तंजावुर जिले के एनाठी क्षेत्र में एक मकान बनवाया था। उनकी पत्नी उमा रानी और मां मुथुमीना हाल ही में कडलाडी गांव के अधिकारियों के पास पहुँची थीं, जहां उन्होंने शिकायत की थी कि मुरली के चाचा रामचंद्रन उनकी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।

7 मई को कथित रूप से रामचंद्रन से जुड़े छह लोगों ने उमा रानी और मुथुमीना पर हमला किया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले में चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, लेकिन पीड़ित पक्ष का कहना है कि दो प्रमुख हमलावरों के खिलाफ अब तक प्राथमिकी नहीं लिखी गई।

उमा रानी ने कहा, "हमने छह लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उनमें से दो को अभी तक पुलिस ने नामजद नहीं किया। उल्टा हमारे ऊपर ही पलटकर केस दर्ज कर दिया गया।"

भूटान सीमा से मुरली ने कहा, “मेरे चाचा और उनके परिवार का प्रभाव कानूनी कार्रवाई में बाधा बन रहा है। मैं छुट्टी नहीं ले पा रहा हूं। मेरी मां ने स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।”

उन्होंने भावुक होते हुए कहा, "रामचंद्रन, उनकी पत्नी केलाड़ी और तीन अन्य ने मेरी पत्नी और मां पर बेरहमी से हमला किया। दोनों अस्पताल में हैं। मेरे पास इस हमले के पुख्ता सबूत हैं। मेरी आंखों से आंसू नहीं रुकते। मेरी यूनिट के अधिकारी ने भी स्थानीय थाने में बात की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।"

जवान ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि वे 7 मई से लगातार तनाव में हैं और उन्हें अपनी परिवार की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता सता रही है।