दुनिया की खबरें: चिली और अर्जेंटीना के दक्षिणी तटों पर आया 7.4 तीव्रता का भूकंप और पाकिस्तान में दहशत का माहौल

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चिली और अर्जेंटीना के दक्षिणी तटों पर शुक्रवार को 7.4 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने यह जानकारी दी। चिली के अधिकारियों ने देश के सुदूर दक्षिण में मैगेलन जलडमरूमध्य के सम्पूर्ण तटीय भाग के लोगों के लिए स्थान छोड़ने को लेकर अलर्ट जारी किया है।

पाकिस्तान में दहशत का माहौल, पीओके में लोगों से कहा- दो महीने का राशन जमा करके रखें

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (पीओके) ने वास्तविक सीमा रेखा (एलओसी) के पास रहने वाले लोगों को शुक्रवार को खाने-पीने का सामान स्टॉक करने का निर्देश दिया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद यह अपील की गई।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीओके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर उल हक ने शुक्रवार को स्थानीय विधानसभा में कहा, "नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित 13 निर्वाचन क्षेत्रों में दो महीने के लिए खाद्य आपूर्ति का भंडारण करने के निर्देश जारी किए गए हैं।"

हक ने कहा कि क्षेत्रीय सरकार ने 13 निर्वाचन क्षेत्रों में 'खाद्य, दवाइयां और अन्य सभी बुनियादी आवश्यकताओं' की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक अरब रुपये ($3.5 मिलियन) का आपातकालीन कोष भी बनाया है।

पीओके के प्रधानमंत्री ने बताया कि नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में सड़कों की मरम्मत के लिए सरकारी और निजी मशीनरी भी तैनात की जा रही है।

इस बीच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 1000 से अधिक मदरसे कम से कम 10 दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने शुक्रवार को यह घोषणा की।

विश्वसनीय सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि भारत की तरफ से हमले के डर की वजह से पीओके में स्थित मदरसों को बंद कर दिया गया। भारत यह दावा करता रहा है कि इन संस्थानों का इस्तेमाल आतंकवादियों के छिपने के ठिकाने के रूप में किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों का मानना है कि भारत पाकिस्तान के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू नहीं करेगा, लेकिन नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ पीओके क्षेत्रों में कुछ हमले जरूर करेगा।

29 सितंबर 2016 को, भारतीय सेना के कमांडो की टीमों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में प्रवेश कर आतंकी ठिकानों में छिपे बैठे आतंकवादियों को खत्म किया था। यह कार्रवाई 18 सितंबर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी में एक भारतीय सेना की चौकी पर हमला करने के दस दिन बाद हुई थी। हमले में 19 सैनिकों की मौत हो गई थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सेना को हमले का जवाब देने के लिए 'पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता' दी।

बता दें आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल - पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह 'लश्कर-ए-तैयबा' से जुड़े 'टीआरएफ' ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, शामिल हैं।

भारत के इन फैसलों के बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने, भारतीय नागरिकों के वीजा रद्दे करने जैसे कदम उठाए।

पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ का यूट्यूब चैनल ब्लॉक, भारत की एक और डिजिटल स्ट्राइक

भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आधिकारिक यूट्यूब अकाउंट को ब्लॉक कर दिया। शरीफ का चैनल अब तक का सबसे हाई-प्रोफाइल सोशल मीडिया अकाउंट है, जिसे भारत सरकार ने ब्लॉक किया।

शहबाज शरीफ के ब्लॉक किए गए प्रोफाइल में लिखा है, "राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित सरकार के आदेश के कारण यह कंटेंट फिलहाल इस देश में उपलब्ध नहीं है। सरकार की तरफ से हटाए जाने के अनुरोधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया गूगल पारदर्शिता रिपोर्ट देखें।"

भारत सरकार इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के एक्स अकाउंट को ब्लॉक कर चुकी है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तान से आने वाली गलत सूचनाओं और भारत विरोधी दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया है, जो भारत की संप्रभुता और सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करने के उद्देश्य से भ्रामक सामग्री प्रसारित करते हैं।

ये कार्रवाई हमले के बाद गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

ब्लॉक किए गए प्रमुख यूट्यूब चैनलों में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर, पत्रकार आरजू काजमी और कमेंटेटर सैयद मुज्जमिल शाह के चैनल शामिल हैं। ओलंपियन अरशद नदीम का इंस्टाग्राम अकाउंट और पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के यूट्यूब अकाउंट भी सस्पेंड किए गए हैं।

30 अप्रैल को, प्रमुख पाकिस्तानी अभिनेत्रियों हनिया आमिर और माहिरा खान के इंस्टाग्राम प्रोफाइल को ब्लॉक कर दिया गया।

बता दें, आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल - पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह 'लश्कर-ए-तैयबा' से जुड़े 'टीआरएफ' ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, शामिल हैं।

भारतीय सेना का 'खौफ' : पीओके में 1000 से अधिक मदरसे बंद

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 1000 से अधिक मदरसे कम से कम 10 दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने शुक्रवार को यह घोषणा की।

विश्वसनीय सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि भारत की तरफ से हमले के डर की वजह से पीओके में स्थित मदरसों को बंद कर दिया गया। भारत यह दावा करता रहा है कि इन संस्थानों का इस्तेमाल आतंकवादियों के छिपने के ठिकाने के रूप में किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों का मानना है कि भारत पाकिस्तान के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू नहीं करेगा, लेकिन नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ पीओके क्षेत्रों में कुछ हमले जरूर करेगा।

29 सितंबर 2016 को, भारतीय सेना के कमांडो की टीमों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में प्रवेश कर आतंकी ठिकानों में छिपे बैठे आतंकवादियों को खत्म किया था। यह कार्रवाई 18 सितंबर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी में एक भारतीय सेना की चौकी पर हमला करने के दस दिन बाद हुई थी। हमले में 19 सैनिकों की मौत हो गई थी।

एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "सरकार के निर्देशानुसार 1000 से अधिक मदरसे बंद कर दिए गए हैं। उन्हें कम से कम 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों के लिए छुट्टियों की घोषणा कर दी गई है।"

इससे पहले पाकिस्तान ने बुधवार को गिलगित और स्कार्दू के लिए सभी घरेलू उड़ानें रद्द करने की घोषणा की। विदेशी उड़ानों की भी कड़ी निगरानी शुरू की गई। जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) को सभी आने वाले विदेशी विमानों की जांच करने का निर्देश दिया गया।

इस बीच पाकिस्तान ने भारत से लौटने वाले अपने नागरिकों के लिए वाघा सीमा को खुला रखने की घोषणा की। पहलगामा आतंकी हमले के बाद नई दिल्ली ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए थे।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, "हालांकि भारत से पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी, लेकिन यदि भारतीय अधिकारी उन्हें अपनी ओर से सीमा पार करने की अनुमति देते हैं तो लाहौर में वाघा बॉर्डर हमारे नागरिकों के लिए खुला रहेगा।"

बयान में कहा गया, "वाघा सीमा भविष्य में भी पाकिस्तानी नागरिकों के लिए खुली रहेगी।"

बता दें आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल - पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह 'लश्कर-ए-तैयबा' से जुड़े 'टीआरएफ' ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, शामिल हैं।

भारत के इन फैसलों के बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने, भारतीय नागरिकों के वीजा रद्दे करने जैसे कदम उठाए।

भारत से लौटने वाले हमारे नागरिकों के लिए खुली रहेगी वाघा सीमा : पाकिस्तान

पाकिस्तान ने भारत से लौटने वाले अपने नागरिकों के लिए वाघा सीमा को खुला रखने की घोषणा की। पहलगामा आतंकी हमले के बाद नई दिल्ली ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए थे।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, "हालांकि भारत से पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी, लेकिन यदि भारतीय अधिकारी उन्हें अपनी ओर से सीमा पार करने की अनुमति देते हैं तो लाहौर में वाघा बॉर्डर हमारे नागरिकों के लिए खुला रहेगा।"

बयान में कहा गया, "वाघा सीमा भविष्य में भी पाकिस्तानी नागरिकों के लिए खुली रहेगी।"

विदेश कार्यालय ने कहा, "पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने का भारत का निर्णय गंभीर मानवीय चुनौतियां पैदा कर रहा है।"

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए और उनके स्वेदश लौटने के लिए 30 अप्रैल तक की समय-सीमा तय की। पाकिस्तान ने भी यही कदम उठाया, जिससे दोनों तरफ के सैकड़ों परिवारों को अपने प्रवास को छोटा करने और देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।

बता दें आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल - पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह 'लश्कर-ए-तैयबा' से जुड़े 'टीआरएफ' ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, शामिल हैं।

भारत के इन फैसलों के बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने, भारतीय नागरिकों के वीजा रद्दे करने जैसे कदम उठाए।