हर किसी के लिए नहीं है केला! जानिए किन हालातों में बन सकता है नुकसान का कारण

केला एक ऐसा फल है जो व्रत से लेकर ब्रेकफास्ट तक, हर जगह खाया जाता है।
स्वादिष्ट होने के साथ-साथ ये एनर्जी से भरपूर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर किसी के लिए और हर वक्त केला खाना फायदेमंद नहीं होता?
कुछ स्थितियों में ये शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
कभी ये कब्ज बढ़ा सकता है, तो कभी ये आपकी शुगर, खांसी या माइग्रेन की समस्या को ट्रिगर कर सकता है।
आइए विस्तार से जानते हैं किन लोगों को केला खाने से परहेज करना चाहिए।
❌ किन बीमारियों में नहीं खाना चाहिए केला?
1. डायबिटीज (हाई ब्लड शुगर) में
केला नेचुरली मीठा फल है और इसमें शुगर की मात्रा अधिक होती है।
डायबिटीज़ के मरीजों के लिए ये ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकता है।
खासतौर पर जब शुगर पहले से ही अनकंट्रोल हो, तब केला और भी खतरनाक साबित हो सकता है।
🔹 क्या करें? डॉक्टर की सलाह से ही खाएं और सीमित मात्रा में।
2. अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में
ये बलगम बढ़ाते हैं जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और रिकवरी धीमी हो सकती है।
अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के मरीजों को केला खाने से बचना चाहिए, खासकर तब तक जब तक पूरी तरह ठीक न हो जाएं।
3. खांसी या जुकाम होने पर
केला शरीर में कफ (बलगम) को बढ़ाता है।
इससे नाक बंद, छाती में जकड़न और सांस लेने में समस्या हो सकती है।
खासकर शाम या रात में केला खाना खांसी को और बढ़ा सकता है।
4. माइग्रेन के मरीजों के लिए खतरा
केला हिस्टामाइन रिलीज करता है जो माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है।
इसमें टाइरोसिन नामक अमीनो एसिड होता है, जो बॉडी में जाकर टायरामाइन में बदलता है – माइग्रेन का एक बड़ा कारण।
इसलिए माइग्रेन के शिकार लोगों को केला सावधानी से या बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।
📌 बोनस: ज्यादा केला खाने पर कब्ज क्यों?
इससे आपको कब्ज, पेट भारी लगना और गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
🔹 खासकर पका हुआ केला अगर सीमित मात्रा में न खाया जाए तो ये असर डाल सकता है।
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