बिजली से करंट लगने के बाद क्या करें? जानिए क्यों ज़रूरी है फर्स्ट एड और कौन सी सावधानियां बचा सकती हैं जान
घर, ऑफिस या किसी भी निर्माण स्थल पर बिजली का करंट लगना एक गंभीर और जानलेवा स्थिति हो सकती है। यह घटना कुछ सेकंड में व्यक्ति को गहरी चोट, बेहोशी या यहां तक कि मौत तक पहुंचा सकती है। इसलिए फर्स्ट एड यानी प्राथमिक उपचार समय पर मिलना बेहद जरूरी होता है। आइए जानते हैं एक्सपर्ट से कि बिजली का करंट लगने के बाद क्या करें और क्या नहीं।
सबसे पहले जानिए: करंट लगने से क्या होता है शरीर पर असर?
“बिजली का झटका शरीर की मांसपेशियों, हृदय, तंत्रिका तंत्र और त्वचा को प्रभावित कर सकता है। 220 वोल्ट या उससे ज्यादा वोल्टेज पर अगर शरीर संपर्क में आता है, तो हृदय की धड़कन रुक सकती है।”
करंट लगने के बाद तुरंत क्या करें? (First Aid Guide)
बिजली स्रोत से तुरंत अलग करें
लकड़ी की छड़ी, प्लास्टिक या रबड़ से पीड़ित को बिजली से दूर करें।
खुद धातु या गीले हाथ से संपर्क न करें।
इमरजेंसी सर्विस को कॉल करें (जैसे 108 या नजदीकी अस्पताल)
सांस और दिल की धड़कन चेक करें
अगर पीड़ित बेहोश है, तो CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) शुरू करें (यदि आप जानते हों)।
जलन या बर्न्स को पानी से ठंडा करें
प्रभावित हिस्से को ठंडे पानी से धोएं लेकिन बर्फ न लगाएं।
पीड़ित को लेटा कर रखें और गर्म रखें
कंबल या चादर से ढकें।
क्या न करें?
करंट लगे व्यक्ति को सीधे छूने की गलती न करें (जब तक बिजली का स्रोत बंद न हो)।
घाव पर क्रीम, बटर या टूथपेस्ट न लगाएं।
व्यक्ति को खड़ा करने या हिलाने की कोशिश न करें, खासकर अगर उसे सिर या रीढ़ की चोट हो।
बिजली से झटका लगने से होने वाली संभावित चोटें:
मांसपेशियों में ऐंठन
हृदयगति रुकना (Cardiac Arrest)
नर्व डैमेज
जलने की चोटें
बेहोशी या मानसिक भ्रम
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