AC में कौन-सी गैस होती है? कैसे पूरा कमरा ठंडा हो जाता है, जानें पूरी प्रोसेस

गर्मियों में जब पारा चढ़ता है, तब एयर कंडीशनर (AC) सबसे बड़ा राहत देने वाला उपकरण बन जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर AC ठंडी हवा कैसे देता है? इसके अंदर कौन-सी गैस होती है जो पूरा कमरा ठंडा कर देती है?
चलिए जानते हैं AC की टेक्नोलॉजी का असली खेल और वो गैसें जो आपको गर्मी में राहत देती हैं।
💨 AC में कौन-सी गैस होती है?
AC के अंदर एक खास रिफ्रिजरेंट गैस होती है, जो ठंडी हवा देने में सबसे अहम भूमिका निभाती है।
पहले ज़माने में R-22 गैस (Hydrochlorofluorocarbon – HCFC) का इस्तेमाल होता था, लेकिन यह ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाती थी, इसलिए अब इसे बंद कर दिया गया है।
अब AC में ये आधुनिक गैसें इस्तेमाल होती हैं:
R-32 (Difluoromethane):
एनवायरमेंट के लिए कम हानिकारक
एनर्जी एफिशिएंट
सेफ और असरदार
R-410A:
R-32 और R-125 का मिश्रण
हाई प्रेशर पर काम करती है
पावरफुल कूलिंग के लिए
R-290 (प्रोपेन गैस):
नैचुरल और इको-फ्रेंडली
ग्रीनहाउस प्रभाव बेहद कम
⚙️ AC ठंडी हवा कैसे बनाता है? (AC Working Process in Hindi)
कंप्रेसर:
गैस को बहुत ज्यादा दबाव में कंप्रेस करता है जिससे वो गर्म हो जाती है।
कंडेंसर (बाहर की यूनिट):
गर्म गैस को ठंडी कर लिक्विड में बदलता है।
एक्सपेंशन वाल्व:
गैस का दबाव और तापमान कम करता है।
एवापोरेटर कॉइल (इंडोर यूनिट):
ठंडी लिक्विड गैस कमरे की गर्मी सोख लेती है और हवा को ठंडा कर देती है, जो फिर कमरे में फैल जाती है।
🌍 पर्यावरण पर असर: पुरानी बनाम नई गैस
R-22 जैसी पुरानी गैसें ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाती थीं।
जबकि R-32 और R-290 जैसी गैसें ज्यादा इको-फ्रेंडली और एनर्जी सेविंग हैं।
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