चोरी हुआ फोन, खाली हुआ अकाउंट – जानिए कैसे बचें इस स्मार्ट साइबर फ्रॉड से

साइबर ठगी के तरीके दिन-ब-दिन ज्यादा शातिर होते जा रहे हैं। देहरादून से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक शख्स का मोबाइल चोरी हुआ और बाद में उसी नंबर को पोर्ट कराकर उसके बैंक अकाउंट से 2.83 लाख रुपये गायब कर दिए गए।
🕵️♂️ क्या है पूरा मामला?
देहरादून निवासी व्यक्ति का फोन 26 मई को चोरी हो गया। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके दो दिन बाद जब वे टेलिकॉम कंपनी के स्टोर पहुंचे ताकि नया सिम ले सकें, तो उन्हें बताया गया कि उनका नंबर पहले ही किसी और के नाम पर पोर्ट हो चुका है।
जब उन्होंने 2 जून को अपनी बैंक स्टेटमेंट चेक की, तो पाया कि अकाउंट पूरी तरह खाली हो चुका था। यह मामला सिम पोर्टिंग कराकर साइबर फ्रॉड करने का पहला उदाहरण माना जा रहा है।
📌 मोबाइल चोरी होने पर सबसे पहले क्या करें?
अगर आपका मोबाइल चोरी हो जाता है, तो तुरंत ये कदम उठाएं:
मोबाइल नंबर को तुरंत ब्लॉक कराएं।
अपनी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के कस्टमर केयर पर कॉल करके सिम ब्लॉक कराएं।
पुलिस में FIR दर्ज करें और उसकी कॉपी सुरक्षित रखें।
बैंक को सूचित करें कि आपका मोबाइल नंबर अब सुरक्षित नहीं है।
📱 “संचार साथी पोर्टल” से मिलेगी मदद
भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया “संचार साथी पोर्टल” खोए हुए मोबाइल को ट्रैक करने और ब्लॉक करने में मदद करता है।
यहाँ आप कर सकते हैं:
IMEI नंबर से फोन को ब्लॉक करने की रिक्वेस्ट
रिपोर्ट की कॉपी और डुप्लिकेट सिम की जरूरत होगी जिसमें SMS सेवा चालू हो
रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक Request ID मिलेगी जिससे आप बाद में मोबाइल की स्थिति जांच सकते हैं
⚠️ कैसे बचें इस तरह की ठगी से?
मोबाइल चोरी होते ही सिम ब्लॉक कराना सबसे जरूरी कदम है
बैंक अकाउंट से जुड़े मोबाइल नंबर को लेकर हमेशा सावधानी बरतें
OTP और बैंक अलर्ट्स के लिए इस्तेमाल हो रहे नंबर को कभी भी अनसुरक्षित न छोड़ें
सिम पोर्टिंग प्रक्रिया को रोकने के लिए मोबाइल कंपनियों द्वारा दिए गए पोर्निंग लॉक/ब्लॉक सर्विस का उपयोग करें
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