परोल के दौरान नेपाल भी गया था सोहराब! पूर्व सपा सांसद बर्क के भांजे की हत्या में भी हाथ
ऋषि सेंगर, लखनऊ: सीरियल किलर सोहराब को परोल खत्म होने के बाद 1 जुलाई को तिहाड़ जेल लौटना था। फिलहाल वह फरार है। दिल्ली पुलिस ने यूपी एसटीएफ समेत कई राज्यों की पुलिस को इसका अलर्ट भेजा है। मामले की जांच में जुटी एसटीएफ को पता चला है कि सोहराब परोल के दौरान नेपाल भी गया था। उसके मुरादाबाद जाने की बात भी सामने आई है। इस दौरान उसकी पत्नी भी साथ थी। फिलहाल दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है।
लखनऊ में सीरियल किलर भाइयों सलीम, रुस्तम और सोहराब की दहशत है। तीनों कई साल से तिहाड़ जेल में बंद है। कुछ दिन पहले कोर्ट ने सोहराब को परोल दिया था। परोल पर निकलने के बाद वह पत्नी से मिला। सूत्रों के मुताबिक, परोल 1 जुलाई को खत्म हो गई, लेकिन वह तिहाड़ नहीं पहुंचा। उसके फरार होने से तिहाड़ जेल में हड़कंप मच गया। तिहाड़ जेल प्रशासन ने दिल्ली पुलिस को सूचना दी। इसके बाद से दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक, पड़ताल में यह बात सामने आई है कि सोहराब अपनी पत्नी के साथ मुरादाबाद गया था। वहां से लखनऊ के रास्ते नेपाल गया था। नेपाल में भी सोहराब और उसके भाइयों का बड़ा नेटवर्क है। एसटीएफ को शक है कि वह कहीं फरार होने के लिए पूरा तानाबाना बुनने नेपाल तो नहीं गया था।
सूत्रों के मुताबिक, वह दिल्ली से ही फरार हुआ है। एसटीएफ यह पता लगा रही है कि सोहराब लखनऊ और नेपाल में किन-किन लोगों से मिला था। एसटीएफ उसके करीबियों की कॉल डिटेल भी खंगाल रही है। एनसीआर में भी सीरियल किलर भाइयों का नेटवर्क है। ऐसे में एसटीएफ की टीमें एनसीआर में भी सक्रिय हैं।
एनकाउंटर का डर तो फरार क्यों?प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद अपराधियों पर शिकंजा बढ़ गया है। अपराधियों के एनकाउंटर भी हो रहे हैं। इस बीच कुछ महीने पहले सलीम, रुस्तम और सोहराब ने एक विडियो जारी कर आशंका जताई थी कि कि यूपी एसटीएफ उनके एनकाउंटर की साजिश रच रही है। एसटीएफ में तैनात एक अधिकारी का नाम भी लिया था। एनकाउंटर के डर से तीनों जेल से बाहर नहीं आना चाहते थे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब तीनों भाई एनकाउंट के डर से जेल से बाहर नहीं आना चाहते थे तो सोहराब परोल के दौरान फरार क्यों हुआ और क्या इसके पीछे कोई साजिश है?
गवाह ने जान को खतरा बतायासीरियल किलर सोहराब के फरार होने की सूचना के बाद लोग डरे हुए हैं। पप्पू पांडेय की हत्या के मामले में आशियाना निवासी गोपाल शर्मा गवाह हैं। उन्होंने पुलिस को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। उनका दावा है कि मुख्य गवाह होने के कारण उन्हें पहले भी धमकी मिल चुकी है। अब सोहराब फरार हो गया है। ऐसे में उनकी जान का खतरा बढ़ गया है। उनका दावा है कि उन्होंने सीएम, डीजीपी, डीएम समेत अन्य अधिकारियों को डाक से पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। उनका कहना है कि वह पहले भी सुरक्षा की मांग कर चुके हैं।
दहशत के 20 साल, एक घंटे में 3 हत्याएंसाल 2004 में रमजान के महीने में सलीम, सोहराब और रुस्तम के सबसे छोटे भाई शहजादे की हुसैनगंज इलाके में हत्या कर दी गई। तीनों ने एक साल बाद उसी दिन बदला लिया था, जिस दिन उनके भाई की हत्या की गई थी। सलीम, रुस्तम और सोहराब ने महज एक घंटे में हुसैनगंज, खदरा और मड़ियांव में तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। तीनों ने वारदात से पहले तत्कालीन एसएसपी आशुतोष पांडेय को कॉल कर कहा था कि रोक सकें तो रोक लें।
पार्षद और सांसद के भांजे को भी मारातीनों सीरियल किलर भाइयों ने दिल्ली में दिनदहाड़े जूलरी शोरूम में डकैती डाली थी। इसके अलावा वजीरगंज इलाके में बसपा सरकार के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारी सैफी की हत्या करवा दी थी। सपा सरकार में 29 सितंबर 2013 को अमीनाबाद में भाजपा पार्षद पप्पू पांडे की हत्या करवा दी थी। वह व्यापारियों को रोक रहे थे कि सीलियर किलर भाइयों को शेल्टर मनी न दें। इससके अलावा संभल के सांसद रहे बर्क के भांजे फैज की हत्या भी करवा दी थी।
तिहाड़ से चला रहे गिरोहतिहाड़ जेल में बंद सीरियल किलर भाइयों ने प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद पेशी पर आना बंद कर दिया। अब वे विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होते हैं। सूत्रों के मुताबिक, तीनों तिहाड़ जेल से ही गिरोह चला रहे हैं। तीनों की दहशत का आलम यह है कि तिहाड़ जेल में बैठे-बैठे लखनऊ में व्यापारियों से शेल्टर मनी वसूलते थे। तीनों भाई अपने गिरोह के सदस्यों से सुपारी किलिंग भी करवा रहे थे।
लखनऊ में सीरियल किलर भाइयों सलीम, रुस्तम और सोहराब की दहशत है। तीनों कई साल से तिहाड़ जेल में बंद है। कुछ दिन पहले कोर्ट ने सोहराब को परोल दिया था। परोल पर निकलने के बाद वह पत्नी से मिला। सूत्रों के मुताबिक, परोल 1 जुलाई को खत्म हो गई, लेकिन वह तिहाड़ नहीं पहुंचा। उसके फरार होने से तिहाड़ जेल में हड़कंप मच गया। तिहाड़ जेल प्रशासन ने दिल्ली पुलिस को सूचना दी। इसके बाद से दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक, पड़ताल में यह बात सामने आई है कि सोहराब अपनी पत्नी के साथ मुरादाबाद गया था। वहां से लखनऊ के रास्ते नेपाल गया था। नेपाल में भी सोहराब और उसके भाइयों का बड़ा नेटवर्क है। एसटीएफ को शक है कि वह कहीं फरार होने के लिए पूरा तानाबाना बुनने नेपाल तो नहीं गया था।
सूत्रों के मुताबिक, वह दिल्ली से ही फरार हुआ है। एसटीएफ यह पता लगा रही है कि सोहराब लखनऊ और नेपाल में किन-किन लोगों से मिला था। एसटीएफ उसके करीबियों की कॉल डिटेल भी खंगाल रही है। एनसीआर में भी सीरियल किलर भाइयों का नेटवर्क है। ऐसे में एसटीएफ की टीमें एनसीआर में भी सक्रिय हैं।
एनकाउंटर का डर तो फरार क्यों?प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद अपराधियों पर शिकंजा बढ़ गया है। अपराधियों के एनकाउंटर भी हो रहे हैं। इस बीच कुछ महीने पहले सलीम, रुस्तम और सोहराब ने एक विडियो जारी कर आशंका जताई थी कि कि यूपी एसटीएफ उनके एनकाउंटर की साजिश रच रही है। एसटीएफ में तैनात एक अधिकारी का नाम भी लिया था। एनकाउंटर के डर से तीनों जेल से बाहर नहीं आना चाहते थे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब तीनों भाई एनकाउंट के डर से जेल से बाहर नहीं आना चाहते थे तो सोहराब परोल के दौरान फरार क्यों हुआ और क्या इसके पीछे कोई साजिश है?
गवाह ने जान को खतरा बतायासीरियल किलर सोहराब के फरार होने की सूचना के बाद लोग डरे हुए हैं। पप्पू पांडेय की हत्या के मामले में आशियाना निवासी गोपाल शर्मा गवाह हैं। उन्होंने पुलिस को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। उनका दावा है कि मुख्य गवाह होने के कारण उन्हें पहले भी धमकी मिल चुकी है। अब सोहराब फरार हो गया है। ऐसे में उनकी जान का खतरा बढ़ गया है। उनका दावा है कि उन्होंने सीएम, डीजीपी, डीएम समेत अन्य अधिकारियों को डाक से पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। उनका कहना है कि वह पहले भी सुरक्षा की मांग कर चुके हैं।
दहशत के 20 साल, एक घंटे में 3 हत्याएंसाल 2004 में रमजान के महीने में सलीम, सोहराब और रुस्तम के सबसे छोटे भाई शहजादे की हुसैनगंज इलाके में हत्या कर दी गई। तीनों ने एक साल बाद उसी दिन बदला लिया था, जिस दिन उनके भाई की हत्या की गई थी। सलीम, रुस्तम और सोहराब ने महज एक घंटे में हुसैनगंज, खदरा और मड़ियांव में तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। तीनों ने वारदात से पहले तत्कालीन एसएसपी आशुतोष पांडेय को कॉल कर कहा था कि रोक सकें तो रोक लें।
पार्षद और सांसद के भांजे को भी मारातीनों सीरियल किलर भाइयों ने दिल्ली में दिनदहाड़े जूलरी शोरूम में डकैती डाली थी। इसके अलावा वजीरगंज इलाके में बसपा सरकार के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारी सैफी की हत्या करवा दी थी। सपा सरकार में 29 सितंबर 2013 को अमीनाबाद में भाजपा पार्षद पप्पू पांडे की हत्या करवा दी थी। वह व्यापारियों को रोक रहे थे कि सीलियर किलर भाइयों को शेल्टर मनी न दें। इससके अलावा संभल के सांसद रहे बर्क के भांजे फैज की हत्या भी करवा दी थी।
तिहाड़ से चला रहे गिरोहतिहाड़ जेल में बंद सीरियल किलर भाइयों ने प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद पेशी पर आना बंद कर दिया। अब वे विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होते हैं। सूत्रों के मुताबिक, तीनों तिहाड़ जेल से ही गिरोह चला रहे हैं। तीनों की दहशत का आलम यह है कि तिहाड़ जेल में बैठे-बैठे लखनऊ में व्यापारियों से शेल्टर मनी वसूलते थे। तीनों भाई अपने गिरोह के सदस्यों से सुपारी किलिंग भी करवा रहे थे।
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