सड़क हादसों में लोगों की जान बचाने के लिए इस कंपनी ने उठाया बड़ा कदम, नकली हेलमेट के खिलाफ जंग तेज

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भारत में रोड सेफ्टी को लेकर काफी सारे प्रयास हो रहे हैं और खुद रोड, ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्टर नितिन गडकरी सार्वजनिक मंचों पर इसकी वकालत करते रहते हैं, लेकिन साल-दर-साल सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ ही रही है। अब इस दिशा में हेलमेट बनाने वाली प्रमुख कंपनी स्टीलबर्ड हेलमेट्स ने एक नए मिशन की शुरुआत की है, जिसका नाम ‘मिशन सेव लाइव्स 2.0 इंडिया’ है और यह भारत में सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए है। स्टीलबर्ड हेलमेट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव कपूर ने इस मिशन को लॉन्च किया है।
स्टीलबर्ड की जरूरी पहल
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मिशन सेव लाइव्स 2.0 इंडिया पहल वल्नरेबल रोड यूजर्स (VRU) और सड़क सुरक्षा पर हुए एक राष्ट्रीय सम्मेलन में शुरू की गई। इस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य भारत में ‘माराकेश घोषणा’ के लक्ष्यों को पूरा करना है। इस मिशन का लक्ष्य है कि 2031 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को 50% तक कम किया जाए। इस मिशन के तहत नकली हेलमेट बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बच्चों के लिए हल्के हेलमेट और सेफ्टी हार्नेस भी पेश किए जाएंगे।



हर साल डेढ़ लाख से ज्यादा मौतें
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आपको बता दें कि भारत में 2023 में लगभग 1.72 लाख लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई। इसके अलावा 4.63 लाख लोग घायल भी हुए। इनमें सबसे ज्यादा शिकार दोपहिया वाहन चलाने वाले और पैदल चलने वाले लोग थे। मरने वालों में लगभग 44.8 फीसदी बाइक-स्कूटर चलाने वाले थे, जिनकी संख्या लगभग 77,000 थी। यह माना जाता है कि इनमें से 54,000 लोगों की जान हेलमेट न पहनने की वजह से गई। पैदल चलने वाले लगभग 20 फीसदी लोगों की मौत हुई, जो लगभग 35,000 है। इन दोनों समूहों को मिलाकर लगभग 65 फीसदी मौतें हुईं। ऐसे में इस समस्या पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।





नकली हेलमेट के खिलाफ बड़ी तैयारी
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यहां बता दें कि मिशन सेव लाइव्स 2.0 इंडिया के अहम उद्देश्यों में नकली हेलमेट को खत्म करना है। दरअसल, नकली हेलमेट सड़क सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा हैं। यह पता चला है कि 95 फीसदी BIS लाइसेंस धारक नकली ISI मार्क वाले घटिया हेलमेट बेच रहे हैं। ये हेलमेट 110 रुपये जैसी कम कीमत पर बेचे जाते हैं। ये IS 4151:2015 सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते हैं, जिससे लोगों की जान खतरे में पड़ती है। यह मिशन लाइसेंसिंग में सुधार की भी मांग करता है। इसके तहत BIS लाइसेंस धारकों की रियल-टाइम जांच और समय-समय पर ऑडिट किए जाएंगे। नकली हेलमेट बनाने वालों पर छापे मारे जाएंगे और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।





हेलमेट सस्ते और अनिवार्य होंगे: राजीव कपूर
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राजीव कपूर ने कहा कि हर दिन भारत उन लोगों को खो देता है, जिनकी जान सिर्फ एक असली बीआईएस-सर्टिफाइड हेलमेट पहनने से बचाई जा सकती है। मिशन सेव लाइव्स 2.0 इंडिया एक राष्ट्रीय वादा है कि हर राइडर और पीछे बैठने वाले, बच्चों समेत, के लिए ये हेलमेट सस्ते और अनिवार्य होंगे। सरकार और इंडस्ट्री मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि हर कोई हेलमेट पहन सके और सुरक्षित रहे। यह मिशन धीरे-धीरे पूरे देश में लागू किया जाएगा। 2028 में यह टियर 1 शहरों में शुरू होगा। 2029 तक टियर शहरों में पहुंचेगा और जनवरी 2031 तक टियर 3 शहरों और गांवों में भी शुरू हो जाएगा। इस मिशन का लक्ष्य है कि हर क्षेत्र में हेलमेट पहनने के नियमों का पालन हो। साथ ही हेलमेट बनाने वाली कंपनियां भी अपनी प्रोडक्शन बढ़ा सकें, ताकि सभी के लिए हेलमेट उपलब्ध हों।





बच्चों की सेफ्टी पर खास जोर
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बच्चों की सुरक्षा भी इस योजना में शामिल है। बच्चों के लिए हल्के हेलमेट और सेफ्टी हार्नेस पेश किए जाएंगे। ये बच्चों को पीछे बैठने पर सुरक्षित रखेंगे। यह पहल अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित है। इसमें अलग-अलग उम्र के बच्चों के लिए हेलमेट का वजन तय किया गया है। एक साल के बच्चों के लिए हेलमेट का वजन 0.72 किलोग्राम और 6 साल के बच्चों के लिए 1.17 किलोग्राम होना चाहिए। इससे बच्चों को हेलमेट पहनने में आराम मिलेगा और वे सुरक्षित भी रहेंगे। इस मिशन के तहत हेलमेट बनाने की क्षमता को भी बढ़ाना होगा। हर साल 130 मिलियन BIS-सर्टिफाइड हेलमेट की जरूरत होगी। इसके लिए 6,000 करोड़ रुपये का निवेश और 80,000 लोगों की जरूरत होगी।