फ्लैट लिस्टिंग के बाद इस आईपीओ ने मचाया धमाल, सीधे अपर सर्किट पर जाकर रुका

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नई दिल्ली: बुधवार को शेयर मार्केट में स्कोडा ट्यूब्स लिमिटेड (Scoda Tubes Ltd) के आईपीओ की लिस्टिंग हुई। यह आईपीओ BSE और NSE दोनों पर फ्लैट यानी 140 रुपये पर लिस्ट हुए। मतलब, शेयर बाजार में आने पर निवेशकों को कोई फायदा नहीं हुआ। जबकि IPO को निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। लेकिन लिस्टिंग के बाद इसने निवेशकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। लिस्टिंग के बाद इसमें अपर सर्किट लग गया।



बुधवार को यह शेयर आईपीओ प्राइस 140 रुपये पर ही लिस्ट हुआ। लेकिन लिस्टिंग के कुछ ही देर बाद इसमें तेजी आई और यह सीधे 5 फीसदी के अपर सर्किट पर जाकर रुका। हालांकि बाद में इसमें कुछ गिरावट भी देखी गई लेकिन यह गिरावट भी जल्द ही खत्म हो गई। सुबह 10:30 बजे यह शेयर 5 फीसदी के अपर सर्किट के साथ 146.95 रुपये पर कारोबार कर रहा था।



जबरदस्त मिला था रिस्पॉन्सइस आईपीओ को निवेशकों ने काफी पसंद किया था। कंपनी का 220 करोड़ रुपये का आईपीओ आया था। इसे निवेशकों ने खूब पसंद किया था। आईपीओ में कंपनी ने 1.57 करोड़ नए शेयर जारी किए थे। यह आईपीओ कुल मिलाकर 57.37 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसका मतलब है कि जितने शेयर कंपनी ने बेचे, उससे 57.37 गुना ज्यादा लोगों ने खरीदने के लिए आवेदन किया था।



ग्रे मार्केट में छाया था जलवाबाजार के जानकारों के अनुसार, स्कोडा ट्यूब्स आईपीओ का GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) लिस्टिंग से ठीक पहले 20 रुपये था। आईपीओ की कीमत 140 रुपये थी। इसलिए अनुमान था कि शेयर लगभग 160 रुपये पर लिस्ट होगा। यानी निवेशकों को लगभग 14.29% का फायदा हो सकता था। लेकिन, शेयर बाजार में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया।



कंपनी क्या करेगी रकम का?आईपीओ से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी। स्कोडा ट्यूब्स गुजरात में अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी को आधुनिक बनाने में भी निवेश कर रही है। इससे कंपनी घरेलू और वैश्विक स्तर पर स्टेनलेस स्टील उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा कर सकेगी।



क्या करती है कंपनी?स्कोडा ट्यूब्स साल 2008 में शुरू हुई थी। यह स्टेनलेस स्टील के ट्यूब और पाइप बनाती है। कंपनी सीमलेस और वेल्डेड दोनों तरह के ट्यूब बनाती है। कंपनी तेल और गैस, रसायन, उर्वरक, बिजली और दवा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को अपनी सेवाएं देती है। कंपनी अपने उत्पादों को 16 देशों में निर्यात करती है। भारत में कंपनी के स्टॉक और वितरक हैं, जिनके माध्यम से वह अपने उत्पादों को बेचती है।