India Pakistan Tension: एटम और हाइड्रोजन बम में क्या अंतर है? कौन ज्यादा खतरनाक, किसने बनाए थे तबाही मचाने वाले ये हथियार?

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Hydrogen vs Atom Bomb in Hindi: विनाशकारी हथियारों की दौड़ में बड़ी क्रांति तब आई जब अमेरिका ने पहली बार एटम बम या अणु बम का आविष्कार किया। इस हथियार से जापान के हिरोशिमा नागासाकी में हुई तबाही ने पूरी दुनिया को चौंका दिया था हालांकि यह इन विनाशकारी हथियारों की महज एक शुरुआत थी। इसके बाद हाइड्रोजन बम या परमाणु बम का विकास हुआ जो अब तक किसी युद्ध में उपयोग नहीं हुए हैं और जिनकी ताकत एटम बम से कई गुना ज्यादा है। यहां समझिए अणु बम और परमाणु बम (हाइड्रोजन बम) के बीच का अंतर और ये कैसे काम करते हैं।
एटम बम क्या होता है?

अणु बम, जिसे ए-बम (एटम बम या एटॉमिक बॉम्ब) के रूप में भी जाना जाता है, विस्फोट के बाद ऊर्जा पैदा करने के लिए परमाणु विखंडन की प्रक्रिया पर काम करता है। इस प्रक्रिया में, एक परमाणु का नाभिक छोटे भागों में विभाजित हो जाता है, जो आमतौर पर मुक्त न्यूट्रॉन और फोटॉन का उत्पादन करता है, और भारी मात्रा में ऊर्जा जारी करता है। परमाणु बमों के इस्तेमाल के सबसे चर्चित उदाहरण 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बम हैं।


अणु बम फटने की प्रक्रिया
  • परमाणु विखंडन: यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 जैसे भारी समस्थानिक विखंडन से गुजरते हैं।
  • श्रृंखला अभिक्रिया: इन समस्थानिकों के विखंडन से न्यूट्रॉन निकलते हैं जो आस-पास के परमाणुओं में और विखंडन को ट्रिगर करते हैं।
  • ऊर्जा रिलीज: यह श्रृंखला अभिक्रिया विस्फोट के रूप में भारी मात्रा में ऊर्जा जारी करती है।​

  • परमाणु बम या हाइड्रोजन बम क्या होता है?

    हाइड्रोजन बम एक व्यापक प्रक्रिया पर चलने वाला डिवाइस है जिसमें परमाणु बम (विखंडन बम) और थर्मोन्यूक्लियर बम (संलयन बम) दोनों शामिल हैं। थर्मोन्यूक्लियर बम, जिन्हें हाइड्रोजन बम या एच-बम के रूप में भी जाना जाता है, परमाणु संलयन का उपयोग करते हैं, जहां हल्के परमाणु नाभिक मिलकर भारी नाभिक बनाते हैं, जिससे ऊर्जा निकलती है।


    न्यूक्लियर बम कैसे काम करता है?
  • परमाणु संलयन: ड्यूटेरियम और ट्रिटियम जैसे हाइड्रोजन समस्थानिक अत्यधिक दबाव और तापमान में एक साथ जुड़ जाते हैं।
  • चरणबद्ध प्रक्रिया: परमाणु बम या थर्मोन्यूक्यिर डिवाइस, जिसे हाइड्रोजन बम भी कहते हैं, इसके फटने में आमतौर पर दो-चरणों की प्रक्रिया शामिल होती है, जहां विखंडन बम संलयन प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है।
  • ऊर्जा का रिलीज होना: संलयन विखंडन की तुलना में और भी अधिक ऊर्जा जारी करता है, जिसके परिणामस्वरूप काफी अधिक शक्तिशाली विस्फोट होता है।

  • एटम और न्यूक्यिर बॉम्ब बनाने का इतिहास

    एटम (अणु) बम:मैनहट्टन परियोजना के तहत दूसरे विश्व युद्ध के दौरान विकसित किया गया।पहली बार 1945 में परीक्षण किया गया (ट्रिनिटी टेस्ट) और बाद में हिरोशिमा और नागासाकी में युद्ध में इस्तेमाल किया गया।न्यूक्लियर (परमाणु) बम:शीत युद्ध के दौरान विकसित किया गया जब राष्ट्र अधिक शक्तिशाली हथियारों की तलाश में थे।पहला थर्मोन्यूक्लियर बम परीक्षण (हाइड्रोजन बम), आइवी माइक, 1952 में संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से किया गया था।सोवियत संघ ने 1961 में ज़ार बॉम्बा का परीक्षण किया, जो अब तक विस्फोट किया गया सबसे शक्तिशाली बम था।