विक्रांत मैसी का बेटा ना हिंदू, न मुसलमान! वरदान के धर्म पर बड़ा फैसला, बोले- गुरुद्वारे भी जाता हूं, दरगाह भी
'12वीं फेल', 'सेक्टर 36' और 'द साबरमती रिपोर्ट' जैसी फिल्मों में दमदार एक्टिंग कर स्टारडम हासिल करने वाले एक्टर विक्रांत मैसी अपनी पर्सनल लाइफ के कारण चर्चा में हैं। उन्होंने 14 फरवरी 2022 को शीतल ठाकुर से शादी की थी। पिछले साल शीतल ने बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम वरदान रखा है। अब विक्रांत ने खुलासा किया है कि वो अपने बेटे की परवरिश अलग ढंग से कर रहे हैं। उन्होंने और उनकी पत्नी ने बेटे के बर्थ सर्टिफिकेट पर उसका धर्म नहीं लिखवाया है। एक्टर ने ये फैसला क्यों लिया, इसके पीछे की वजह जानिए।
Vikrant Massey ने रिया चक्रवर्ती के पॉडकास्ट में कहा, 'मुझे लगता है कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद है। मेरे लिए, ये जीवन जीने का एक तरीका है। मुझे लगता है कि हर किसी को अपना धर्म चुनने का अधिकार है। मेरे घर पर हर प्रकार के धर्म आपको मिलेंगे। मुझे लगता है कि धर्म इंसान द्वारा बनाया गया है। मैं पूजा करता हूं। गुरुद्वारा भी जाता हूं। दरगाह भी जाता हूं। मुझे इन सब से शांति मिलती है।'
'बेटा अपनी पसंद से धर्म चुने'
अपने बेटे के बारे में बात करते हुए विक्रांत ने कहा कि वो चाहते हैं कि वरदान बिना किसी धार्मिक लेबल या भेदभाव के बड़ा हो और जब वो तैयार हो तो अपनी पसंद खुद चुने।
बर्थ सर्टिफिकेट पर छोड़ी खाली जगह
उन्होंने आगे कहा, 'अपने बेटे के बर्थ सर्टिफिकेट पर हमने धर्म के लिए जगह खाली छोड़ दी थी। इसलिए जब उसका जन्म प्रमाण पत्र सरकार से आया, तो उस पर धर्म नहीं लिखा था। तो ये नहीं है कि सरकार आपको बोलती है लिखना पड़ेगा। ये आप पर निर्भर करता है। जैसे ही हमें उसका जन्म प्रमाण पत्र मिला, मैंने धर्म के कॉलम में एक डैश लगा दिया। अगर मुझे पता चलेगा कि मेरा बेटा किसी के साथ उसके व्यवहार के आधार पर बिहेव कर रहा है, तो मैं बहुत दुखी हो जाऊंगा। मैं अपने बेटे की परवरिश इस तरह से नहीं कर रहा हूं।'
पिता ईसाई, मां सिख और भाई मुस्लिम!
इससे पहले भी विक्रांत ने बताया था कि वो एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जहां धर्म या जात-पात पर यकीन नहीं करते हैं। उनके घर में अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। उनके बड़े भाई ने 17 साल की उम्र में इस्लाम अपना लिया था। अब उनका नाम मोइन है। उनके पिता ईसाई, मां सिख और बड़ा भाई मुस्लिम है।
Vikrant Massey ने रिया चक्रवर्ती के पॉडकास्ट में कहा, 'मुझे लगता है कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद है। मेरे लिए, ये जीवन जीने का एक तरीका है। मुझे लगता है कि हर किसी को अपना धर्म चुनने का अधिकार है। मेरे घर पर हर प्रकार के धर्म आपको मिलेंगे। मुझे लगता है कि धर्म इंसान द्वारा बनाया गया है। मैं पूजा करता हूं। गुरुद्वारा भी जाता हूं। दरगाह भी जाता हूं। मुझे इन सब से शांति मिलती है।'
'बेटा अपनी पसंद से धर्म चुने'
अपने बेटे के बारे में बात करते हुए विक्रांत ने कहा कि वो चाहते हैं कि वरदान बिना किसी धार्मिक लेबल या भेदभाव के बड़ा हो और जब वो तैयार हो तो अपनी पसंद खुद चुने।बर्थ सर्टिफिकेट पर छोड़ी खाली जगह
उन्होंने आगे कहा, 'अपने बेटे के बर्थ सर्टिफिकेट पर हमने धर्म के लिए जगह खाली छोड़ दी थी। इसलिए जब उसका जन्म प्रमाण पत्र सरकार से आया, तो उस पर धर्म नहीं लिखा था। तो ये नहीं है कि सरकार आपको बोलती है लिखना पड़ेगा। ये आप पर निर्भर करता है। जैसे ही हमें उसका जन्म प्रमाण पत्र मिला, मैंने धर्म के कॉलम में एक डैश लगा दिया। अगर मुझे पता चलेगा कि मेरा बेटा किसी के साथ उसके व्यवहार के आधार पर बिहेव कर रहा है, तो मैं बहुत दुखी हो जाऊंगा। मैं अपने बेटे की परवरिश इस तरह से नहीं कर रहा हूं।' पिता ईसाई, मां सिख और भाई मुस्लिम!
इससे पहले भी विक्रांत ने बताया था कि वो एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जहां धर्म या जात-पात पर यकीन नहीं करते हैं। उनके घर में अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। उनके बड़े भाई ने 17 साल की उम्र में इस्लाम अपना लिया था। अब उनका नाम मोइन है। उनके पिता ईसाई, मां सिख और बड़ा भाई मुस्लिम है। Next Story