'मैंने रोनित रॉय को एक लात मारी, वह बस के दरवाजे के बाहर गिर गए', अपूर्व लाखिया ने सुनाया 24 साल पुराना किस्सा
आमिर खान के करियर की शानदार फिल्मों की बात जब भी होती है उनमें से एक नाम 'लगान' (साल 2001) का भी आता है। आशुतोष गोवारिकर के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म को हिंदी सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों में से एक माना जाता है। हाल ही में एक इंटरव्यू में, फिल्म के असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके निर्देशक अपूर्व लाखिया ने शूटिंग के दौरान की कुछ बातें याद कीं जो काफी मजेदार है।
लखिया ने बताया कि आमिर ने उन्हें फिल्म के सेट पर इसलिए तैनात कर रखा था ताकि वो वहां डिसीप्लीन का ध्यान रख सकें। उन्हें इसलिए रखा गया था कि ताकि लोग समय पर आ सकें और शूटिंग सही तरीके से चल सके। उन्होंने साइरस ब्रोचा के साथ 'साइरस सेज़' पर बातचीत के दौरान कहा, 'वह फिल्म बनाने में एक फ्रेश और डिसीप्लीन रवैया रखना चाहते थे, कुछ ऐसा जो बॉलीवुड ने वास्तव में पहले कभी नहीं देखा था। यह तय करना कि सारी चीजें परफेक्ट चल रही, उन्होंने अपूर्व लखिया को असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर रखा और खासकर इसलिए कि अपूर्व को हॉलीवुड सेट पर भी काम करने के अनुभव रहा था।'
'बस उसके लिए 5 मिनट से ज़्यादा इंतज़ार नहीं करेगी'
लखिया ने कहा, 'मैंने उनसे कहा कि कोई कार नहीं, बस एक बस है। हर कोई बस में ट्रैवल करेगा, किसी को कार नहीं मिल रही। जो कोई भी बस के लिए देर होगा, बस उसके लिए 5 मिनट से ज़्यादा इंतज़ार नहीं करेगी।'
'तीसरे दिन आमिर देर से आए'
उन्होंने आगे कहा, 'तीसरे दिन आमिर देर से आए। मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि आमिर तीसरे दिन देर से आए। रोनित रॉय सिक्यॉरिटी देख रहे रहे थे और उन्होंने दरवाज़ा बंद करने से मना कर दिया और पूरी बस मेरी तरफ देख रही थी कि अब वो क्या करने वाले हैं? वो सोच रहे होंगे कि देखते हैं वो आमिर को कैसे छोड़ते हैं।'
सभी को लगा कि अब उनकी नौकरी खत्म हो जाएगी
उन्होंने आगे बताया, 'मैंने रोनित रॉय को एक लात मारी और वह दरवाजे के बाहर गिर गए। हमने बस स्टार्ट की और वहां से निकल गए।' सभी को लगा कि अब उनकी नौकरी खत्म हो जाएगी।' यशपाल शर्मा ने कहा, 'कल बंबई भाई (भाई, आप कल बंबई में होंगे) तो मैंने कहा- अगर ऐसा ही है तो कोई बात नहीं, मैं चला जाता हूं, कम से कम लोग मुझे याद तो रखेंगे।'
आमिर 90 मिनट बाद सेट पर पहुंचे
इसके बाद आमिर 90 मिनट बाद सेट पर पहुंचे, जबकि उनके पास कोई ट्रांसपोर्ट नहीं था लेकिन उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा। अपूर्वा ने याद करते हुए कहा, 'उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा, वो नाराज़ नहीं थे। यह उनका GOOD कहने का तरीका था।' बाद में, पांचवें दिन, ग्रेसी सिंह भी देर से पहुंचीं और वह भी बाकी लोगों की तरह पीछे रह गईं।
रेगिस्तान में शूटिंग करीब एक साल तक चली
उन्होंने बताया कि रेगिस्तान में छह महीने तक चलने वाली शूटिंग करीब एक साल तक चली। फिल्म का पहला कट पांच घंटे से ज़्यादा लंबा था। उन्होंने रात के क्रिकेट के दृश्य और दो पूरी पारी भी फिल्माई थी, जिन्हें बाद में एडिट करके सिर्फ एक मोंटाज बना दिया गया।
लखिया ने बताया कि आमिर ने उन्हें फिल्म के सेट पर इसलिए तैनात कर रखा था ताकि वो वहां डिसीप्लीन का ध्यान रख सकें। उन्हें इसलिए रखा गया था कि ताकि लोग समय पर आ सकें और शूटिंग सही तरीके से चल सके। उन्होंने साइरस ब्रोचा के साथ 'साइरस सेज़' पर बातचीत के दौरान कहा, 'वह फिल्म बनाने में एक फ्रेश और डिसीप्लीन रवैया रखना चाहते थे, कुछ ऐसा जो बॉलीवुड ने वास्तव में पहले कभी नहीं देखा था। यह तय करना कि सारी चीजें परफेक्ट चल रही, उन्होंने अपूर्व लखिया को असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर रखा और खासकर इसलिए कि अपूर्व को हॉलीवुड सेट पर भी काम करने के अनुभव रहा था।'
प्यार किया तो छिपाना कैसा...गर्लफ्रेंड गौरी स्प्रैट का हाथ थामें मुंबई लौटे आमिर खान
'बस उसके लिए 5 मिनट से ज़्यादा इंतज़ार नहीं करेगी'
लखिया ने कहा, 'मैंने उनसे कहा कि कोई कार नहीं, बस एक बस है। हर कोई बस में ट्रैवल करेगा, किसी को कार नहीं मिल रही। जो कोई भी बस के लिए देर होगा, बस उसके लिए 5 मिनट से ज़्यादा इंतज़ार नहीं करेगी।''तीसरे दिन आमिर देर से आए'
उन्होंने आगे कहा, 'तीसरे दिन आमिर देर से आए। मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि आमिर तीसरे दिन देर से आए। रोनित रॉय सिक्यॉरिटी देख रहे रहे थे और उन्होंने दरवाज़ा बंद करने से मना कर दिया और पूरी बस मेरी तरफ देख रही थी कि अब वो क्या करने वाले हैं? वो सोच रहे होंगे कि देखते हैं वो आमिर को कैसे छोड़ते हैं।' सभी को लगा कि अब उनकी नौकरी खत्म हो जाएगी
उन्होंने आगे बताया, 'मैंने रोनित रॉय को एक लात मारी और वह दरवाजे के बाहर गिर गए। हमने बस स्टार्ट की और वहां से निकल गए।' सभी को लगा कि अब उनकी नौकरी खत्म हो जाएगी।' यशपाल शर्मा ने कहा, 'कल बंबई भाई (भाई, आप कल बंबई में होंगे) तो मैंने कहा- अगर ऐसा ही है तो कोई बात नहीं, मैं चला जाता हूं, कम से कम लोग मुझे याद तो रखेंगे।'आमिर 90 मिनट बाद सेट पर पहुंचे
इसके बाद आमिर 90 मिनट बाद सेट पर पहुंचे, जबकि उनके पास कोई ट्रांसपोर्ट नहीं था लेकिन उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा। अपूर्वा ने याद करते हुए कहा, 'उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा, वो नाराज़ नहीं थे। यह उनका GOOD कहने का तरीका था।' बाद में, पांचवें दिन, ग्रेसी सिंह भी देर से पहुंचीं और वह भी बाकी लोगों की तरह पीछे रह गईं। रेगिस्तान में शूटिंग करीब एक साल तक चली
उन्होंने बताया कि रेगिस्तान में छह महीने तक चलने वाली शूटिंग करीब एक साल तक चली। फिल्म का पहला कट पांच घंटे से ज़्यादा लंबा था। उन्होंने रात के क्रिकेट के दृश्य और दो पूरी पारी भी फिल्माई थी, जिन्हें बाद में एडिट करके सिर्फ एक मोंटाज बना दिया गया। Next Story