Justice Yashwant Varma: कैश मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा की बढ़ीं मुश्किलें, केंद्र सरकार ने बनाई नई रणनीति

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दिल्ली में आवास पर कैश मिलने वाले जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की तैयारी तेज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार संसद के मॉनसून सत्र में महाभियोग लाने के लिए विपक्षी दलों को साधने में जुट गई है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू इस काम में विपक्ष से बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि जस्टिस वर्मा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। उनके आवास से जले हुए नोट मिले थे।



एक और जांच कमेटी बनाने से बच सकते हैं संसद के अध्यक्ष

वहीं, एक और खबर है कि संसद के अध्यक्ष एक और जांच कमेटी बनाने से बच सकते हैं। मतलब, पहले जो जांच हुई है, उसी के आधार पर आगे बढ़ा जा सकता है।



अमित शाह ने की कई बैठक

इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने कई मीटिंग की हैं। उन्होंने पहले कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल से मुलाकात की। फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। बाद में, जेपी नड्डा के साथ राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से भी मिले। जेपी नड्डा राज्यसभा में सदन के नेता हैं।



इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में पहले ही बताया गया था कि महाभियोग का प्रस्ताव राज्यसभा में मानसून सत्र के दौरान लाया जा सकता है। इसका मतलब है कि सरकार इस मामले को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और जल्द ही इस पर कार्रवाई शुरू हो सकती है। सरकार की कोशिश है कि सभी पार्टियां इस मुद्दे पर एक साथ आएं, ताकि महाभियोग की प्रक्रिया आसानी से पूरी हो सके।



जस्टिस यशवंत वर्मा पर क्या है आरोप

बता दें कि 14 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा के नई दिल्ली आवास के स्टोर रूम में आग लगी थी जहां पर भारी मात्रा में कैश मिला था। हालांकि, जस्टिस ने इसे साजिश बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था।