Jaipur Hotel Video: जयपुर के फाइव स्टार होटल के वीडियो वायरल होने में किसकी गलती ? सामने आया यह सच
जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में बीते दिनों घटित हुई घटना की चर्चा देशभर में है। यहां एक फाइव स्टार होटल में एक कपल के निजी पलों का वीडियो वायरल होने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है कि आखिर किसकी गलती से ऐसा हुआ। किस वजह से कपल के प्राइवेट मोमेंट्स कैमरे में कैद हो गए, जिसे बाद में वायरल कर दिया गया। कुछ यूजर्स होटल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे है तो कुछ इसके लिए कपल की गलती बता रहे है। वहीं बहुत से यूजर्स ऐसे भी है, जिनका कहना है कि होटल में जाने वाले कपल को भी पहले इस बात की तस्दीक करनी चाहिए थी कि कही उनके प्राइवेट पल को कही कोई देख तो नहीं रहा है।
अवेयरनेस की कमी भी माना जा रहा कारण
इस मामले में एक्सपटर्स का कहना है कि होटलों के अंदर खिड़कियों पर कांच के साथ ही भारी पर्दे लगे होते हैं। होटल के अंदर खिड़कियों पर भारी पर्दे लगाए जाते हैं, जिसके कारण अगर बाहर लाइट भी जली हो तो रोशनी कमरे के अंदर तक नहीं पहुंचती है। होटल्स में भारी पर्दे इसलिए भी लगाए जाते हैं, ताकि जब लोगों को बाहर का नजारा देखना हो, या धूप लेनी हो, तो वह पर्दा को हटाकर सीधा और अच्छा व्यू ले सके। वेंटिलेशन के साथ ओपन स्पेस फील करवाने के लिए ऐसा किया जाता है। लेकिन यहां अवेयरनेस की कमी मानते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कपल को शायद यही लग रहा था कि उन्हें बाहर से कोई नहीं देख रहा है। लिहाजा ऐसी घटना घटित हो गई। इधर, होटल प्रशासन भी यह नहीं भांप पाया कि बाहर से अंदर दिखने के कारण ऐसे कपल्स की प्राइवेट पल लोगों के बीच आ सकते हैं। कपल्स और होटल प्रबंधन दोनों की अवेयरनेस की कमी के कारण ऐसी घटना घटित हुई।
उन लोगों की भी गलती, जिन्होंने वीडियो बनाया
बिना इजाजत किसी की निजी जिंदगी रिकॉर्ड करना और उसे इंटरनेट पर वायरल करना बड़ा अपराध है? लेकिन देश में बढ़ रही वीडियो- रील्स बनाने की टेंडेंसी ऐसी होती जा रही कि लोग यह भूल जाते हैं कि वो क्राइम कर रहे हैं। बता दें कि आईटी एक्ट, 2000 की धारा 67B व 66E और आईपीसी की धारा 354C के तहत यह अपराध माना जाता है। ऐसे मामलों में 7 साल की सजा का प्रावधान है। धारा 66E के तहत किसी भी उम्र के कपल का वीडियो बनाने और वायरल करने पर 3 साल तक ही सजा और 2 लाख रुपए तक का प्रावधान है। इसी तरह किसी नहाती हुई महिला का वीडियो बनाकर वायरल करने पर आईपीसी की धारा 354C के तहत एक साल की सजा हो सकती है।
अवेयरनेस की कमी भी माना जा रहा कारण
इस मामले में एक्सपटर्स का कहना है कि होटलों के अंदर खिड़कियों पर कांच के साथ ही भारी पर्दे लगे होते हैं। होटल के अंदर खिड़कियों पर भारी पर्दे लगाए जाते हैं, जिसके कारण अगर बाहर लाइट भी जली हो तो रोशनी कमरे के अंदर तक नहीं पहुंचती है। होटल्स में भारी पर्दे इसलिए भी लगाए जाते हैं, ताकि जब लोगों को बाहर का नजारा देखना हो, या धूप लेनी हो, तो वह पर्दा को हटाकर सीधा और अच्छा व्यू ले सके। वेंटिलेशन के साथ ओपन स्पेस फील करवाने के लिए ऐसा किया जाता है। लेकिन यहां अवेयरनेस की कमी मानते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कपल को शायद यही लग रहा था कि उन्हें बाहर से कोई नहीं देख रहा है। लिहाजा ऐसी घटना घटित हो गई। इधर, होटल प्रशासन भी यह नहीं भांप पाया कि बाहर से अंदर दिखने के कारण ऐसे कपल्स की प्राइवेट पल लोगों के बीच आ सकते हैं। कपल्स और होटल प्रबंधन दोनों की अवेयरनेस की कमी के कारण ऐसी घटना घटित हुई।
उन लोगों की भी गलती, जिन्होंने वीडियो बनाया
बिना इजाजत किसी की निजी जिंदगी रिकॉर्ड करना और उसे इंटरनेट पर वायरल करना बड़ा अपराध है? लेकिन देश में बढ़ रही वीडियो- रील्स बनाने की टेंडेंसी ऐसी होती जा रही कि लोग यह भूल जाते हैं कि वो क्राइम कर रहे हैं। बता दें कि आईटी एक्ट, 2000 की धारा 67B व 66E और आईपीसी की धारा 354C के तहत यह अपराध माना जाता है। ऐसे मामलों में 7 साल की सजा का प्रावधान है। धारा 66E के तहत किसी भी उम्र के कपल का वीडियो बनाने और वायरल करने पर 3 साल तक ही सजा और 2 लाख रुपए तक का प्रावधान है। इसी तरह किसी नहाती हुई महिला का वीडियो बनाकर वायरल करने पर आईपीसी की धारा 354C के तहत एक साल की सजा हो सकती है।
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