स्क्वैट्स या वॉल सिट्स,कौन सी एक्सरसाइज तेजी से करेगी वजन कम,फूला पेट होगा अंदर,एक्सपर्ट की सलाह

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आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में हर कोई चाहता है जल्दी और असरदार वजन घटाने का तरीका। ऐसे में स्क्वैट्स और वॉल सिट्स जैसी बॉडी वेट एक्सरसाइजेस तेजी से पॉपुलर हो रही हैं।

एक्सपर्ट शिवा पांडे के मुताबिक वो लोग जो जिम नहीं जा पाते या घर पर ही फिटनेस को समय देना चाहते हैं, उनके लिए ये दोनों विकल्प बड़े कारगर साबित हो सकते हैं। स्क्वैट्स को निचले शरीर की मसल्स टोन करने और कैलोरी बर्न करने के लिए जाना जाता है।

यह न सिर्फ आपके थाइज और ग्लूट्स को शेप में लाता है, बल्कि कोर और बैलेंस को भी मजबूत बनाता है। वहीं, वॉल सिट्स एक स्टैटिक पोज़ है जिसमें शरीर एक जगह स्थिर रहता है, लेकिन उसकी पकड़ और स्ट्रेंथ गजब की होती है। अब सवाल ये उठता है – वज़न घटाने के लिए इन दोनों में से किसे चुना जाए? (Photo Credit):Canva


स्क्वैट्स- फैट बर्निंग का दमदार हथियार
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स्क्वैट्स को वजन घटाने की दुनिया में एक सुपरस्टार माना जाता है। यह एक्सरसाइज निचले शरीर के बड़े मसल ग्रुप्स जैसे थाइज, हिप्स और ग्लूट्स को टारगेट करती है। स्क्वैट्स करने से हृदय गति बढ़ती है, जिससे अधिक कैलोरी बर्न होती है और मेटाबोलिज्म तेज़ होता है। अगर आप रोजाना सही फॉर्म में 3-4 सेट स्क्वैट्स करते हैं, तो यह जल्दी फैट कम करने में मदद करता है। साथ ही यह आपकी बैलेंसिंग और कोर स्ट्रेंथ को भी सुधारता है। स्क्वैट्स के कई वेरिएशन होते हैं जिन्हें अपनी फिटनेस लेवल के अनुसार अपनाया जा सकता है।


वॉल सिट्स-बिना हिले-डुले मसल्स में आग
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वॉल सिट्स एक ऐसी एक्सरसाइज है जिसे देखकर लगता है कि ये बहुत आसान होगी, लेकिन जब आप इसे करते हैं तो असली चुनौती समझ में आती है। ये स्टैटिक एक्सरसाइज है जिसमें आपकी मसल्स एक पोज़िशन में रुककर काम करती हैं। ये खासकर क्वाड्रिसेप्स और ग्लूट्स को स्ट्रॉन्ग बनाता है। वॉल सिट्स से फैट बर्न धीमी लेकिन स्थिर होती है और ये स्टैमिना बढ़ाने में मदद करता है। शुरुआत में इसे 30 सेकंड से शुरू कर सकते हैं और धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो ज्वाइंट पेन या बैक इश्यू से परेशान हैं।


वजन घटाने में क्या है ज़्यादा असरदार
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जब बात आती है तुरंत वजन घटाने की, तो स्क्वैट्स थोड़ा आगे निकल जाते हैं। इसकी वजह यह है कि स्क्वैट्स में लगातार मूवमेंट होता है जिससे ज्यादा कैलोरी बर्न होती है। दूसरी ओर, वॉल सिट्स में मसल्स को एक्टिव तो रखा जाता है लेकिन मूवमेंट नहीं होता, जिससे कैलोरी बर्न की गति कम होती है। हालांकि, वॉल सिट्स मसल्स एंड्यूरेंस और टोनिंग में मदद करता है। अगर आपका फोकस तेजी से फैट कम करने पर है तो स्क्वैट्स ज्यादा असरदार रहेगा, लेकिन अगर स्ट्रेंथ और फोकस बढ़ाना है तो वॉल सिट्स बेहतर ऑप्शन हो सकता है।


कौन सी एक्सरसाइज किसके लिए फायदेमंद?
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अगर आप फिटनेस की शुरुआत कर रहे हैं और बैलेंस की समस्या है, तो वॉल सिट्स से शुरुआत करना अच्छा रहेगा। वहीं, अगर आप पहले से एक्सरसाइज करते आए हैं और स्ट्रेंथ के साथ फैट लॉस चाहते हैं, तो स्क्वैट्स बेहतरीन विकल्प है। उम्रदराज लोगों या घुटनों में दर्द से परेशान व्यक्तियों को भी वॉल सिट्स ज्यादा अनुकूल पड़ती है क्योंकि इसमें जॉइंट्स पर ज़ोर कम पड़ता है। स्क्वैट्स थोड़ा टेक्नीक-हैवी होता है, गलत फॉर्म से नुकसान हो सकता है, जबकि वॉल सिट्स अपेक्षाकृत सरल होते हैं।


स्क्वैट्स और वॉल सिट्स का परफेक्ट कॉम्बिनेशन
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आप इन दोनों एक्सरसाइजेस को एक रूटीन में शामिल करके डबल बेनिफिट पा सकते हैं। उदाहरण के लिए – 3 सेट स्क्वैट्स के बाद 1 मिनट की वॉल सिट करें। इससे पहले आप थकेंगे, फिर मसल्स को स्थिरता के साथ टारगेट करेंगे। ये कॉम्बो स्ट्रेंथ और एंड्यूरेंस दोनों बढ़ाता है। आप चाहें तो इसे HIIT रूटीन में भी शामिल कर सकते हैं। हफ्ते में 3-4 दिन ऐसा वर्कआउट करने से फैट लॉस जल्दी होने लगता है और बॉडी टोनिंग भी बढ़िया होती है।


सावधानियां और सही तरीका
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चाहे आप स्क्वैट्स करें या वॉल सिट्स, सही फॉर्म सबसे जरूरी है। स्क्वैट्स करते समय घुटनों को पैर की उंगलियों से आगे न जाने दें और पीठ को सीधा रखें। वहीं, वॉल सिट करते समय आपकी जांघें ज़मीन के समानांतर हों और पीठ दीवार से पूरी तरह चिपकी हो। शुरुआत में धीरे-धीरे टाइम और रेप्स बढ़ाएं। किसी भी दर्द या असहजता को नजरअंदाज न करें। जरूरत हो तो फिटनेस ट्रेनर से गाइडेंस लें। याद रखें, सही तरीके से किया गया हर कदम ही आपको फिटनेस के गोल तक पहुंचा सकता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है । यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता । ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें । एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है ।