हड्डियों को दीमक की तरह चाट जाती है ये बीमारी, होने लगते हैं छेद, Dr. की चेतावनी- 4 लक्षण न करें इग्नोर

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क्या आप जानते हैं कि आपकी हड्डियां भी धीरे-धीरे कमजोर हो सकती हैं, वो भी बिना किसी साफ लक्षण के? जी हां, इसी को कहते हैं ऑस्टियोपोरोसिस। ये बीमारी चुपचाप आपकी हड्डियों की ताकत चुराती है। जब तक ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षणों का पता चलता है, तब तक हड्डियां इतनी कमजोर हो चुकी होती हैं कि जरा-सी ठोकर भी फ्रैक्चर कर देती है।

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल व हीलिंग टच क्लिनिक नई दिल्ली के वरिष्ठ ओर्थपेडीक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉ अभिषेक वैश
बता रहे हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस क्या है, इसके क्या लक्षण हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।

ऑस्टियोपोरोसिस है क्या? ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां धीरे-धीरे पतली और कमजोर हो जाती हैं। अंदर से खोखली हो जाती हैं, जैसे लकड़ी में दीमक लग जाए। बाहर से तो सब ठीक लगता है, लेकिन अंदर ही अंदर हड्डियां कमजोर हो रही होती हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस का ज्यादा खतरा किसे?
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महिलाएं, खासकर जिनका मेनोपॉज हो चुका है


50 साल से ऊपर के लोग

जिनके खाने में कैल्शियम और विटामिन D की कमी है

जो ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं और व्यायाम नहीं करते

जो लोग धूम्रपान करते हैं या शराब ज्यादा पीते हैं

जो लंबे समय तक कुछ खास दवाएं (जैसे स्टेरॉयड) लेते हैं


ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण
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डॉ अभिषेक वैश कहते है ऑस्टियोपोरोसिस का सबसे बड़ा खतरा यही है कि शुरुआत में कोई लक्षण नजर नहीं आता। लोग सोचते हैं सब ठीक है, लेकिन अंदर ही अंदर हड्डियां कमजोर होती जा रही होती हैं। कुछ आम संकेत ये हो सकते हैं-


पीठ में लगातार दर्द

कमर झुकने लगना

कद छोटा हो जाना

हल्की चोट में भी हाथ या पैर की हड्डी टूट जाना


ऑस्टियोपोरोसिस का कैसे पता चलेगा?
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इस बीमारी का पता BMD (Bone Mineral Density) टेस्ट से चलता है। इसे DEXA स्कैन भी कहते हैं। ये स्कैन दिखाता है कि आपकी हड्डियां कितनी मजबूत हैं।




ऑस्टियोपोरोसिस बचाव कैसे करें?
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अच्छा खान-पान रखें- दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां, बादाम और धूप से मिलने वाला विटामिन D लें।


नियमित व्यायाम करें- रोजाना टहलें, हल्का फुल्का योग करें, सीढ़ियां चढ़ें। इससे हड्डियां मजबूत बनती हैं।

बुरी आदतों से बचें- सिगरेट और शराब से दूरी बनाएं। इनसे हड्डियां जल्दी कमजोर होती हैं।


डॉक्टर से सलाह लें
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जरूरत हो तो डॉक्टर दवाई भी देते हैं, जो हड्डियों को मजबूत करने में मदद करती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस से सबसे ज़्यादा खतरा बुजुर्गों को होता है। अगर समय रहते इसे पकड़ा जाए तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है। एक बार हड्डी टूट गई तो जिंदगी मुश्किल हो जाती है, इसलिए पहले से सतर्क रहना जरूरी है।



इस बात का रखें ध्यान
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डॉ अभिषेक वैश ने बताया कि ऑस्टियोपोरोसिस कोई तेज झटका देने वाली बीमारी नहीं है, ये धीरे-धीरे असर करती है। लेकिन जब असर दिखाती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसलिए अभी से अपनी हड्डियों की देखभाल शुरू करिए। कहावत है न – ‘बचाव इलाज से बेहतर है।’ तो खुद को और अपने घरवालों को इस बीमारी के बारे में बताइए और समय रहते जांच कराइए।



डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।