सबसे आगे ‘हिंदुस्तानी’, भगवान राम के भक्त ने क्या गजब कर दिखाया, साउथ अफ्रीका ने रचा इतिहास
बुलावायो: ऑलराउंडर कोर्बिन बॉश के शानदार प्रदर्शन से साउथ अफ्रीका ने जिम्बाब्वे को 328 रनों से हरा दिया। बॉश ने पहली बार टेस्ट क्रिकेट में पांच विकेट लिए और नाबाद 100 रनों की पारी भी खेली। साउथ अफ्रीका ने जिम्बाब्वे को जीत के लिए 537 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था, लेकिन मेजबान टीम 208 रनों पर ही ढेर हो गई। इस जीत में केशव महाराज का भी बड़ा हाथ रहा।
दूसरी पारी में रनों का अंबार और जिम्बाब्वे पर दबाव
161 रनों की बढ़त के साथ दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीका ने जिम्बाब्वे के लिए मुश्किलें और बढ़ा दीं। उन्होंने 90 ओवरों में 418 रन बनाकर 9 विकेट खोने के बाद पारी घोषित कर दी। इस पारी में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने आक्रामक रवैया अपनाया, जिससे रन-रेट काफी तेज रहा। कुछ बल्लेबाजों ने तेज तर्रार अर्धशतक जड़े, जबकि कुछ ने बड़े स्कोर की नींव रखी। इस घोषणा के साथ, जिम्बाब्वे के सामने जीत के लिए 580 रनों का एक असंभव लक्ष्य था, जो टेस्ट क्रिकेट में चौथी पारी में हासिल करना लगभग नामुमकिन होता है।
साउथ अफ्रीका का शानदार प्रदर्शन
यह मैच दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के शानदार प्रदर्शन का प्रमाण था, जिन्होंने पूरी तरह से ज़िम्बाब्वे को दबाव में रखा और उन्हें वापसी का कोई मौका नहीं दिया। खासकर भारतीय मूल के कप्तान और भगवान राम के भक्त केशव महाराज ने अपनी कप्तानी से दिल जीत लिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी जिम्बाब्वे की टीम अपनी पहली पारी में केवल 208 रन पर ढेर हो गई।पहली पारी में अफ्रीका को बड़ी बढ़त
दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने अनुशासित प्रदर्शन करते हुए लगातार अंतराल पर विकेट चटकाए और ज़िम्बाब्वे के किसी भी बल्लेबाज को बड़ी पारी खेलने नहीं दी। जवाब में, दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 369 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया, जिससे उन्हें 161 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त मिली। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने धैर्य और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण दिखाया, और कुछ महत्वपूर्ण साझेदारियां बनाकर अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। इस बढ़त ने मैच का रुख दक्षिण अफ्रीका के पक्ष में मोड़ दिया था।दूसरी पारी में रनों का अंबार और जिम्बाब्वे पर दबाव
161 रनों की बढ़त के साथ दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीका ने जिम्बाब्वे के लिए मुश्किलें और बढ़ा दीं। उन्होंने 90 ओवरों में 418 रन बनाकर 9 विकेट खोने के बाद पारी घोषित कर दी। इस पारी में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने आक्रामक रवैया अपनाया, जिससे रन-रेट काफी तेज रहा। कुछ बल्लेबाजों ने तेज तर्रार अर्धशतक जड़े, जबकि कुछ ने बड़े स्कोर की नींव रखी। इस घोषणा के साथ, जिम्बाब्वे के सामने जीत के लिए 580 रनों का एक असंभव लक्ष्य था, जो टेस्ट क्रिकेट में चौथी पारी में हासिल करना लगभग नामुमकिन होता है। जिम्बाब्वे का संघर्ष और दक्षिण अफ्रीका की जीत
विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे के बल्लेबाज दबाव में बिखर गए। वे अपनी दूसरी पारी में केवल 251 रन पर ऑल आउट हो गए। दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया, सटीक लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी करते हुए जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों को कोई राहत नहीं दी। हर विभाग में जिम्बाब्वे पर भारी पड़ने वाली दक्षिण अफ्रीका ने आखिरकार यह मैच 328 रनों के बड़े अंतर से जीत लिया। यह जीत न केवल बड़ी थी, बल्कि यह दक्षिण अफ्रीका की टीम के आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगी क्योंकि वे इस सीरीज में आगे बढ़ रहे हैं।मैच का निष्कर्ष
यह मैच दक्षिण अफ्रीका के लिए एकतरफा जीत थी, जिन्होंने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों विभागों में जिम्बाब्वे को मात दी। जिम्बाब्वे को अपनी गलतियों से सीखने और अगले मैच में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत होगी यदि वे इस सीरीज में प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं। वहीं, दक्षिण अफ्रीका ने एक मजबूत शुरुआत की है और वे अपनी लय बनाए रखने की कोशिश करेंगे। यह टेस्ट सीरीज में उनके लिए एक बेहतरीन शुरुआत थी, जिसने उनकी टीम की गहराई और क्षमता को उजागर किया।Next Story