अमेरिका-ब्रिटेन के बाद भारत का फैसला, घर के वाई-फाई राउटर को बदलने का टाइम आया?
6GHz band Free: केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए 6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड के एक हिस्से को बिना लाइसेंस के इस्तेमाल करने की इजाजत देने का फैसला लिया है। इसका सीधा फायदा आपको मिलेगा। आपके घर में लगे ब्रॉडबैंड इंटरनेट की स्पीड वाई-फाई पर बढ़ जाएगी। नेटवर्क की क्षमता में भी सुधार होगा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दूरसंचार मंत्रालय ने जरूरी नियमों को जारी करते हुए सुझाव मांगे हैं, जिसके बाद नियमों को लागू किया जाएगा। खास बात है कि कंपनियों को इस स्पेक्ट्रम को इस्तेमाल करने के लिए सरकारी मंजूरी नहीं लेनी होगी, ना ही कोई पैसा खर्च करना होगा। हालांकि घर में नई स्पेक्ट्रम पर हाईस्पीड वाई-फाई चलाने के लिए आपको अपना राउटर बदलना पड़ सकता है।
लेकिन टेलिकॉम कंपनियां खुश नहीं!
कहा जा रहा है कि इस फैसले से टेलिकॉम कंपनियां जियो, एयरटेल, वीआई आदि संतुष्ट नहीं हैं। वह चाहती थीं कि पूरा 6 गीगाहर्ट्ज बैंड उन्हें इस्तेमाल करने दिया जाए क्योंकि क्योंकि इसके एक हिस्से पर 4जी और 5जी मोबाइल इंटरनेट भी काम करता है। इसका फायदा क्वॉलकॉम, गूगल, मेटा जैसी कंपनियों को होगा। वह लोगों के लिए हाईस्पीड वाईफाई को सपोर्ट करने वाले सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर भारत में ला पाएंगी।
अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों की लिस्ट में शामिल
नए फैसले के बाद भारत उन 84 से ज्यादा देशों में शामिल हो गया है, जो अपने यहां पहले ही 6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड को वाई-फाई के लिए फ्री कर चुके हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं। टेलीकॉल रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से 2 साल पहले यह सिफारिश दी गई थी। अब जाकर इसमें अमल हो पाया है।तो 9.6Gbps तक पहुंच जाएगी इंटरनेट स्पीड
अगर 6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड पर लोगों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट मिलता है, तो उनकी स्मार्ट डिवाइस जैसे- स्मार्टफोन में वाई-फाई की स्पीड 9.6 Gbps तक पहुंच सकती है। मौजूदा वक्त में ब्रॉडबैंड इंटरनेट 5 गीगाहर्ट्ज और 2.4 गीगाहर्ट्ज पर ही चलता है। इन बैंड्स में 1.3 Gbps तक इंटरनेट स्पीड आती है।आपको क्या कदम उठाने होंगे
अगर आपका ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइडर 6 GHz स्पेक्ट्रम बैंड का इस्तेमाल करके ब्रॉडबैंड इंटरनेट मुहैया कराता है तो आपकाे सबसे पहले अपना राउटर चेंज करना होगा। ऐसे राउटर की जरूरत होगी जो 6 GHz स्पेक्ट्रम बैंड का इस्तेमाल करता हो। तभी आपकी डिवाइस पर हाई-स्पीड वाई-फाई आ पाएगा। देश में WiFi 6E और WiFi 7 जैसे नेक्स्ट जेनरेशन वाई-फाई भी काम करने लगेंगे, जिनके दम पर दुनिया हाई-स्पीड वाई-फाई चला रही है।लेकिन टेलिकॉम कंपनियां खुश नहीं!
कहा जा रहा है कि इस फैसले से टेलिकॉम कंपनियां जियो, एयरटेल, वीआई आदि संतुष्ट नहीं हैं। वह चाहती थीं कि पूरा 6 गीगाहर्ट्ज बैंड उन्हें इस्तेमाल करने दिया जाए क्योंकि क्योंकि इसके एक हिस्से पर 4जी और 5जी मोबाइल इंटरनेट भी काम करता है। इसका फायदा क्वॉलकॉम, गूगल, मेटा जैसी कंपनियों को होगा। वह लोगों के लिए हाईस्पीड वाईफाई को सपोर्ट करने वाले सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर भारत में ला पाएंगी।Starlink की कीमत भारत में तय! सैटेलाइट इंटरनेट सेवा जल्द होगी शुरू
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