चीन ने चल दी 5G सैटेलाइट वाली ‘चाल’, ट‍िकटॉक पर फंस गया अमेरिका?

चीनी टेक्‍नोलॉजी का नया नमूना सामने आया है। चीन के वैज्ञानिकों ने 5G सैटेलाइट की मदद से सीधे स्‍मार्टफोन पर ब्रॉडबैंड वीडियो कॉल करके इतिहास रच दिया है। दुनिया में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की रिपोर्ट के अनुसार, थ्‍योरिट‍िकली इस तकनीक का इस्‍तेमाल करके सैटेलाइट के जरिए सीधे फोन पर वीडियो स्‍ट्रीमिंग की जा सकती है। तो क्‍या टिकटॉक पर अमेरिका फंस सकता है। अगर अमेरिका और चीन के बीच टिकटॉक से जुड़ी डील खटाई में पड़ी और यह ऐप यूएस में बैन हो गया तो भविष्‍य में 5G सैटेलाइट तकनीक के जरिए सीधे अंतरिक्ष से फोन में टिकटॉक चलाने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। हालांकि इसमें कई रेगुलेटरी समस्‍याएं आएंगी, पर लोग हैक्‍स में माहिर हैं। वो भविष्‍य में ऐसी तकनीक का इस्‍तेमाल करके अपनी डिवाइस पर प्रतिबंधित ऐप्‍स को चला सकते हैं।



चीन का प्रयोग कैसे अलग है

चीन सैटेलाइट नेटवर्क ग्रुप (China SatNet) ने इस टेस्टिंग के बारे में जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, यह टेस्टिंग 5G नॉन-टेरेस्ट्रियल नेटवर्क (NTN) के मानकों पर की गई। इसका मतलब होता है कि फोन, अंतरराष्‍ट्रीय मान्‍यता वाले 5जी स्‍पेसिफ‍िकेशंस के जरिए सैटेलाइट से कनेक्‍ट हुआ। उस पर कोई हार्डवेयर लगाने की जरूरत नहीं पड़ी। अब सोच‍िए कि अगर कोई अमेरिकी यूजर इसी तकनीक पर अपना फोन कनेक्‍ट कर ले, तो उसके मोबाइल पर प्‍ले स्‍टोर या ऐप स्‍टोर से आसानी से ऐसे ऐप डाउनलोड हो जाएंगे जो यूएस में बैन हैं। हालांकि खुद चीनी एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि मुमकिन होने के बावजूद इस तकनीक में रेगुलेटरी समस्‍याएं आ सकती हैं।


अमेरिका को चुनौती दे रहा चीन

सैटेलाइट इंटरनेट के क्षेत्र में भी चीन, अमेरिका को चुनौती देने के लिए आगे बढ़ रहा है। वहां की चाइनासेटनेट, सरकार के अधीन आती है। इसने भी अंतरिक्ष में अपने हजारों सैटेलाइट पहुंचाए हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का सीधा मकसद एलन मस्‍क की स्‍टारलिंक को चुनौती देना है।



नई तकनीक से क्‍या करना चाहता है चीन

रिपोर्ट के अनुसार, चीनी एक्‍सपर्ट का मानना है कि नई तकनीक के जरिए भविष्‍य में फोन को सीधे सैटेलाइट से कनेक्‍ट किया जा सकेगा। ऐसा होने पर पारंपरिक मोबाइल टावरों पर निर्भरता खत्‍म हो जाएगी। दूरदराज के इलाकों में जहां कनेक्टिविटी की समस्‍या है, लोगों को सिग्‍नल मिलते रहेंगे। चीन ने इस तकनीक पर ज्‍यादा जानकारी नहीं दी है। चिंता इस बात की है कि दुनिया का कोई फोन अगर बिना हार्डवेयर के सीधे चीनी सैटेलाइट से कनेक्‍ट हो गया तो उससे कोई भी काम किया जा सकेगा।

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