न ओटीपी, न लिंक पर क्लिक... ये फ्रॉड दिमाग हिला देगा, युवक ने अकाउंट से उड़ा लिए 10 लाख, अब हुआ ऐसा हाल

उज्जैन: एक युवक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मूवी देखकर साइबर ठगी का तरीका सीखता है। इसके बाद उसने बिना किसी ओटीपी के लोगों के क्रेडिट कार्ड से 10 लाख रुपये ठग लिए। यह सुनने में जितना हैरान करने वाला है उतना ही सच भी है। राज्य साइबर सेल ने शुक्रवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने लोगों को बिना ओटीपी या ऐप इंस्टॉल करवाए ही ठगी का शिकार बनाया।उज्जैन में राज्य साइबर सेल के अधिकारियों ने एक ऐसे युवक को पकड़ा है, जिसने कई लोगों को चूना लगाया।
इस युवक ने किसी को ओटीपी नहीं भेजने दिया और न ही कोई ऐप डाउनलोड करवाया। फिर भी उसने सबके क्रेडिट कार्ड से पैसे उड़ा लिए। पुलिस का कहना है कि इस युवक ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मूवी देखकर यह तरीका सीखा था। बिना जानकारी के निकल रहे पैसेराज्य साइबर सेल की पुलिस अधीक्षक सव्यसांची सर्राफ ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बजाज फिनसर्व के एक अधिकारी, सौरभ धाकड़ ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि उनके ऑफिस में आरबीएल क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं।
लोगों का कहना था कि उनकी जानकारी के बिना ही उनके कार्ड से पैसे निकाले जा रहे हैं। शिकायत पर एक्शनशिकायतकर्ताओं ने बताया कि उन्हें कोई कॉल नहीं आया, न ही उन्होंने किसी को वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) बताया। उन्होंने कोई रिमोट एप्लिकेशन भी इंस्टॉल नहीं किया था। साइबर सेल ने मामले की जांच की। जांच में पता चला कि बजाज आरबीएल क्रेडिट कार्ड की केवाईसी करने वाले कर्मचारी यांशु शर्मा की भूमिका संदिग्ध है। यांशु शास्त्री नगर का रहने वाला है। पुलिस ने यांशु को इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी हिल्स कॉलोनी से गिरफ्तार किया।
यांशु ने पुलिस को बताया कि क्रेडिट कार्ड से बैंक खाते में पैसे भेजने का तरीका लोगों को पता नहीं था। इसलिए ठगी करना आसान था। ऐसे देता घटना को अंजामउसने बताया कि ई-केवाईसी के दौरान लोग कार्ड एक्टिवेट करने के लिए अपना मोबाइल फोन भी देते थे। इसी दौरान वह क्रेडिट कार्ड का नंबर, सीवीवी, एक्सपायरी डेट और ओटीपी जान लेता था। कार्ड धारकों को इस बात का पता ही नहीं चलता था। इसके बाद वह कार्ड की लिमिट के हिसाब से पैसे निकाल लेता था। हर वर्ग के लोगों को ठगाआरोपी यांशु ठगी के पैसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के बैंक खातों में जमा करवाता था।
उसने एएसआई, बीज निगम के अधिकारी, पॉलिटेक्निक कॉलेज के इंस्ट्रक्टर, हॉस्पिटल के कर्मचारी, हाटकेश्वर विहार कॉलोनी के किराना दुकान संचालक, पीडब्ल्यूडी कर्मचारी, शासकीय कन्या महाविद्यालय की कर्मचारी, दुकानदार, ईंट भटटे पर काम करने वाले मजदूर, ड्राइवर और मजदूरी करने वाले लोगों को भी ठगा। उसने अगस्त 2023 से दिसंबर 2023 के बीच इन लोगों के कार्ड से 10 लाख रुपये निकाल लिए थे। कबूल किया अपना जुर्मपुलिस अधीक्षक सव्यसांची सर्राफ ने बताया कि लोगों को बिना किसी जानकारी के ठगा जा रहा था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी यांशु ने कबूला है कि उसने लोगों की अज्ञानता का फायदा उठाया। मामले की जांच की जा रही है।
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