फुटबॉल की दुनिया का ये भी वैभव सूर्यवंशी! 6 साल की उम्र में आंखों के सामने स्वतंत्रता सेनानी दादा की हुई थी हत्या

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वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल में 14 साल की उम्र में शतक लगाया तो हर कोई उनके जश्न में डूब गया। बिहार के छोटे से गांव ताजपुर (समस्तीपुर) से निकलकर दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग में छाने वाले वैभव के लिए पिता को जमीन बेचनी पड़ी। तमाम जलालतें झेलीं, लेकिन बेटे को क्रिकेटर बनाकर ही दम लिया। इसी तरह से यशस्वी जायसवाल यूपी के एक छोटे से गांव से निकलकर मुंबई में आजाद मैदान में टेंट में रहे। कोच ज्वाला सिंह का साथ मिला तो छा गए। इसी तरह से क्रिस गेल गरीबी में पैदा हुए और झुग्गी में बचपन गुजरा तो हार्दिक पंड्या और क्रुणाल पंड्या को पेट भर खाना नहीं मिलता था। अब क्रिकेट में बड़े नाम हैं। एक ऐसी ही फिल्मी कहानी है, जिसके हीरो ने सफलता पाने के लिए क्या कुछ नहीं खोया। स्वतंत्रता सेनानी दादा की उसकी आंखों के सामने हत्या कर दी गई, तब उसकी उम्र सिर्फ 6 साल थी। बचपन रिफ्यूजी कैंप में गुजरा तो अब दुनिया के महानतम फुटबॉलरों में शामिल किया जाता है। उसका नाम है लुका मोड्रिक। 'Sports Scan' के स्पेशल सेंगमेंट की छठी किस्त में आज फुटबॉल इतिहास के सबसे सफल मिडफील्डर में शामिल लुका मोड्रिक के बारे में जानेंगे, साथ ही यह बताएंगे कि सफलता की सबसे बड़ी कुंजी सही दिशा में की गई मेहनत और कुछ कर गुजरने की जिद ही होती है।
क्रोएशिया के स्टार फुटबॉल लुका मोड्रिक को आज दुनिया जानती है। लुका ने 2018 में क्रोएशिया को फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचा दिया था। उन्हें उस साल फुटबॉल का सबसे बड़ा अवॉर्ड कहे जाने वाले 'बैलेन डि ओर' मिला। इस अवॉर्ड को जीतने वाले वह क्रोएशिया के पहले और एकमात्र फुटबॉलर हैं। उन्होंने यह अवॉर्ड जीतकर 10 सालों से चल रहे लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो का वर्चस्व तोड़ा था। लुका फुटबॉल इतिहास के सबसे सफल क्लबों में से एक रियल मैड्रिड के सबसे स्टार खिलाड़ी हैं। यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें क्या करना पड़ा यह शायद ही किसी को पता हो।
क्रोएशियाई स्वतंत्रता युद्ध ने छीना मोड्रिक का बचपन90 के दशक की शुरुआत में क्रोएशियाई स्वतंत्रता युद्ध छिड़ गया था। 1991 से 1995 तक यह लड़ाई क्रोएशिया और यूगोस्लाविया के बीच लड़ी गई। क्रोएशिया ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया था, लेकिन युगोस्लाव सरकार को यह मंजूर नहीं था। युद्ध तब शुरू हुआ जब क्रोएशिया से सर्ब अल्पसंख्यकों ने अलगाव की मांग की और उन्हें युगोस्लाव सेना का समर्थन मिला। सर्ब विद्रोहियों ने क्रोएशियाई गांवों और शहरों पर हमले शुरू किए। इस युद्ध में 20 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। मारे गए लोगों में एक लुका मोड्रिक सीनियर भी शामिल थे। मोड्रिक सीनियर लुका मोड्रिक के दादा थे। 1991 में 6 साल के लुका के सामने सर्ब विद्रोहियों ने उनके दादा को गोली मार दी। उनका घर जला दिया। इस घटना के बाद लुका और उनका परिवार रिफ्यूजी बन गया। उन्हें अपने घर से कई किलोमीटर दूर जदर शहर के होटल कोलोवारे (एक तरह का रिफ्यूजी कैंप था) में शिफ्ट कर दिया गया। जहां एक कमरा ही उनका पूरा घर था। बम से अधिक लुका की किक ने तोड़ीं खिड़कियांयुद्ध के दौरान बमबारी आम बात हो जाती है। कभी भी कहीं से भी बम आकर गिर सकता है। लुका का पूरा बचपन बमबारी और डर के बीच बिता। होटल से बाहर हर तरफ बम के छर्रे दिखाई देते थे। लेकिन ये सब भी लुका को फुटबॉल से दूर नहीं कर पाए। बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी तो लुका होटल की पार्किंग में फुटबॉल खेला करते थे। यहीं उन्होंने अपना स्किल बेहतर किया। इस बारे में एक इंटरव्यू में होटल के रिसेप्शनिस्ट ने बताया था कि वह दिन भर खेलता रहता था। बम से ज्यादा लुका की किक ने होटल की खिड़कियों तोड़ दी थी।
गरीबी ऐसी लकड़ी के शिन पैड पहने, कोच ने स्टार बना दियाजब लुका मोड्रिक 8 साल के थे, तब हाजदुक स्प्लिट क्लब के लिए ट्रायल दिया। यह क्रोएशिया के सबसे बड़े फुटबॉल क्लबों में से एक है। क्लब के साथ दो हफ्ते रहने के बाद उन्हें बाहर कर दिया। इसके बाद वह अपनी मां के साथ जदर लौट आए। यहीं उसकी मुलाकात उस इंसान से हुई जिसने उसकी प्रतिभा को पहचाना- टोमिस्लाव बासिच। बासिच जदर की यूथ फुटबॉल एकेडमी के प्रमुख थे। तब लुका सिर्फ 10 साल के थे। बासिच कहते हैं कि मोड्रिक का परिवार किसी भी तरह से जिंदा रहने की कोशिश कर रहा था। वे बहुत गरीब थे। उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि लुका के लिए जर्सी या शिन पैड खरीद सकें। इसलिए मैंने लकड़ी से उसके लिए शिन पैड बनाए। यहां बताना जरूरी है कि फुटबॉलर पैर की सुरक्षा के लिए शिन पैड पहनते हैं। यह मोजे को अंदर होता है। वो लकड़ी के शिन पैड आज भी मौजूद हैं। बासिच ने उन्हें संभाल कर रखा है। उन्होंने एक बार बताया था- मैंने उन्हें इसलिए बचाकर रखा क्योंकि मुझे पता था कि लुका मोड्रिक एक महान खिलाड़ी बनेगा।
लुका मोड्रिक युद्ध और खौफनाक मंजर के बारे में बात नहीं करतेलुका मोड्रिक को युद्ध और खौफनाक मंजर के बारे में बात करना पसंद नहीं है, जिसने उनके परिवार को बर्बाद किया। वह इन मुद्दों पर काफी कम बोलते हैं। जब उन्होंने आखिरी बार बात की तो उन्होंने कहा था- युद्ध ने मुझे और मजबूत बना दिया। वो समय बहुत मुश्किल भरा था। मैं उन पलों को हमेशा याद नहीं करना चाहता, लेकिन मैं उन्हें भूलना भी नहीं चाहता। आज मैं ऐसा महसूस करता हूं कि मैं किसी भी चुनौती के लिए तैयार हूं। जदर के बाद लुका कई यूथ क्लब के साथ खेले। उन्होंने 2003 में 16 साल की उम्र में डीनामो जाग्रेब क्लब ने उन्हें साइन किया, इसी वजह से उन्हें स्टारडम तक पहुंचाया। 2003 सीजन में वह लोन पर बोस्नियन प्रीमियर लीग में ज्रिंज्स्की मोस्टार के लिए खेले। सिर्फ 18 साल की उम्र में वह बोस्नियन प्रीमियर लीग के प्लेयर ऑफ द ईयर चुने गए। इसके बाद उनके करियर का ग्राफ ऊपर बढ़ता चला गया। 2005-06 में डीनामो जाग्रेब के साथ उन्होंने 10 साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। फुटबॉल से मिले पैसों सो उन्हें जदर में अपने परिवार के लिए एक फ्लैट लिया। 2006-07 सीजन में उनकी क्लब चैंपियन बनी और मैड्रिच प्लेयर ऑफ द ईयर। 2008 में इंग्लैंड के प्रीमियर लीग पहुंचेइसके बाद दुनिया के टॉप क्लब में शामिल बार्सिलोना, आर्सनल और चेल्सी की नजरें लुका पर थीं। लेकिन उन्हें टॉटेनहम हॉस्पर को चुना। दुनिया के सबसे बड़े टूर्नामेंट लीग इंग्लैंड की प्रीमियर लीग में वह पहुंच गए। 5 सीजन टॉटेनहम से खेलने के बाद 2012 में रियल मैड्रिड ने उन्हें साइन किया। उनके ट्रांसफर के लिए रियल ने 30 मिलियन पाउंड फी खर्च किया। अब मोड्रिक की जिंदगी बदल चुकी है। कभी पेटभर खाने को मोहताज रहा यह हीरो हजारों-लाखों को खाना खिला सकता है। Sports Scan की पहली किस्त: प्लेबॉय शहजादा, 2 अवैध बच्चे, खतरे में सिंहासन और फिर सेल्समैन की बेटी बन गई देश की राजकुमारीSports Scan की दूसरी किस्त: बेरहम अंग्रेज, लाशों का ढेर, उखड़ती सांसें, तड़पते लोग... जलियांवाला बाग हत्याकांड के 588 दिन बाद 'खूनी खेल' और क्रांति!Sports Scan की तीसरी किस्त:
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