पहलगाम घटना से ध्यान भटकाना चाहती है सरकार... जाति जनगणना के फैसले पर जमकर बरसे संजय सिंह

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अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: केंद्र की मोदी सरकार ने जातीय जनगणना कराने का फैसला ले लिया है। इस मुद्दे को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। जहां एक ओर कांग्रेस, सपा, बसपा समेत तमाम विरोधी दल मोदी सरकार के फैसले को अपनी जीत बता रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार के जातीय जनगणना के मुद्दे पर यू-टर्न लेने की वजह बताते हुए जोरदार हमला बोला है। संजय सिंह ने कहा कि पूरी बीजेपी इसके खिलाफ थी, लेकिन अचानक जातीय जनगणना का फैसले हो गया है। क्योंकि इस फैसले से बीजेपी पहलगाम की घटना से देश का ध्यान भटकाना चाहती है। साथ ही बीजेपी पर बिहार चुनाव में इसका लाभ लेने का भी आरोप लगाया है।आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि जाति जनगणना को लेकर भारतीय जनता पार्टी बहुत उत्साहित है। विपक्षी दल भी उनके इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। जातीय जनगणना होनी चाहिए, इसमें कोई दोमत नहीं है। जाति जनगणना की परोकारी हम सभी लोग करते हैं।आप सांसद ने कहा कि पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी, नितिन गडकरी, अनुराग ठाकुर समेत पूरी बीजेपी जातीय जनगणना के खिलाफ़ थी। लेकिन अचानक जातीय जनगणना का फैसला हो गया है। बीजेपी की मानसिकता और इस मुद्दे पर उनके अचानक यू-टर्न आने के दो कारण है। संजय सिंह ने कहा कि पहला कारण ये कि बीजेपी पहलगाम की घटना से देश का भटकाना चाहती है और दूसरा इस फैसले से बीजेपी बिहार चुनाव में राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। आप सांसद ने कहा कि इस जातीय जनगणना के लिए कोई टाइम लाइन फिक्स नहीं गया है, क्यों। क्या इसका भी हाल महिला आरक्षण की तरह ही होगा। क्योंकि महिला आरक्षण बिल पास हुए डेढ़ साल के करीब हो गया है, लेकिन सरकार आज तक एक इंच आगे नहीं बढ़ी हैं। यही नौटंकी और जुमला जातीय जनगणना के साथ सरकार करना चाहती है।
जातीय जनगणना को लेकर कोई बजट का एलॉटमेंट नहीं किया है कि कितने दिन में कितने खर्च में जातीय जनगणना की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। संजय सिंह ने पूछा कि क्या सरकार जातीय जनगणना होने के बाद सरकारी योजनाओं में ओबीसी, एससी-एसटी के लाभ को बढ़ाया जाएगा। सरकार का आगे का रोडमैप क्या है। क्या सिर्फ जातीय जनगणना कराने की बात कहकर काम खत्म हो गया है।संजय सिंह ने कहा कि 10 साल में मोदी सरकार ने SC-ST और ओबीसी के साथ क्या किया है। एक-एक करके सरकारी कंपनी को बेच दिया, इससे सिर्फ कंपनियां नहीं बिकी बल्कि SC-ST और OBC के भविष्य को बेचा गया। क्योंकि प्राइवेट कंपनियों में आरक्षण की व्यवस्था नहीं है।संजय सिंह ने कहा कि जाति जनगणना पर ज्यादा ढोल पीटने की जरूरत नहीं है यह बिहार चुनाव के लिए किए गए एक जुमले के समान है। बीजेपी कभी दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के लिए काम नहीं कर सकती है। ये निजीकरण के जरिये सरकारी विभाग में मिलने वाले आरक्षण को समाप्त करने वाली पार्टी है। इसलिए जातीय जनगणना एक जुमला मात्र है।