मोंडो डुप्लांटिस एक सेंटीमीटर से ही क्यों तोड़ते हैं पोल वॉल्ट का वर्ल्ड रिकॉर्ड, मजेदार है इसकी वजह
नई दिल्ली: स्वीडन के आर्मंड 'मोंडो' डुप्लांटिस ने रविवार को स्टॉकहोम में आयोजित डायमंड लीग मीट के दौरान एक बार फिर पोल वॉल्ट का विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह 12वीं बार है जब उन्होंने विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा है। डुप्लांटिस ने 6.28 मीटर की ऊंचाई को भी सफलतापूर्वक लांघ लिया। पोल वॉल्ट एक ट्रैक और फील्ड एथलेटिक्स इवेंट है जिसमें एक एथलीट एक लंबा, लचीला पोल का उपयोग करके एक बार पर कूदता है, जिसे एक निश्चित ऊंचाई पर सेट किया जाता है। एथलीट को पोल का उपयोग करके बार को पार करना होता है और उसे गिराना नहीं होता है।
इस कूद के साथ उन्होंने अपना ही पिछला विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो उन्होंने फरवरी में क्लेरमों-फेरां (फ्रांस) में 6.27 मीटर की छलांग लगाकर बनाया था। उन्होंने उस रिकॉर्ड को एक सेंटीमीटर से पीछे छोड़ दिया। दो ओलंपिक और दो वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाले डुप्लेंटिस ने 2020 में 6.17 मीटर की जम्प के साथ रेनॉड लाविल्लेनी का रिकॉर्ड तोड़ा था। 5 सालों में वह अपने रिकॉर्ड को 12 बार तोड़ चुके हैं।
हर बार एक ही सेंटीमीटर क्यों?
25 साल के मोंडो डुप्लांटिस का जन्म अमेरिका में हुआ था लेकिन उनके पिता अमेरिका और मां स्वीडन की हैं। डुप्लांटिस ने स्वीडन के लिए की तरफ से ही इंटरनेशनल इवेंट में उतरे। हर बार अपना वर्ल्ड रिकॉर्ड एक इंच से ही तोड़ते हैं। वह इससे ज्यादा ऊंचाई भी अटेम्ट कर सकते हैं, लेकिन क्यों नहीं करते हैं? इसका जवाब है- पैसा। एथलीट्स को हर बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ने पर $100000 का बोनस मिलता है। यह करीब 86 लाख रुपये होता है। इसलिए मोंडो डुप्लेंटिस हर बार एक इंच से ही वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ते हैं। अभी तक वह 12 लाख डॉलर यानी करीब 10 करोड़ रुपये बोनस पा चुके हैं।
मोंडो डुप्लांटिस ने दो बार ओलंपिक में गोल्ड जीता है। इसके साथ ही दो वर्ल्ड आउटडोर और तीन वर्ल्ड इंडोर चैंपियनशिप भी जीते हैं। वह अभी यूरोपियन चैंपियन भी हैं। 15 साल की उम्र में 2015 में उन्होंने वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था। उन्होंने यूथ, जूनियर और सीनियर तीनों लेवल पर विश्व चैंपियनशिप जीते हैं। चार बार वह डायमंड लीग का फाइनल जीत चुके हैं।
इस कूद के साथ उन्होंने अपना ही पिछला विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो उन्होंने फरवरी में क्लेरमों-फेरां (फ्रांस) में 6.27 मीटर की छलांग लगाकर बनाया था। उन्होंने उस रिकॉर्ड को एक सेंटीमीटर से पीछे छोड़ दिया। दो ओलंपिक और दो वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाले डुप्लेंटिस ने 2020 में 6.17 मीटर की जम्प के साथ रेनॉड लाविल्लेनी का रिकॉर्ड तोड़ा था। 5 सालों में वह अपने रिकॉर्ड को 12 बार तोड़ चुके हैं।
हर बार एक ही सेंटीमीटर क्यों?
25 साल के मोंडो डुप्लांटिस का जन्म अमेरिका में हुआ था लेकिन उनके पिता अमेरिका और मां स्वीडन की हैं। डुप्लांटिस ने स्वीडन के लिए की तरफ से ही इंटरनेशनल इवेंट में उतरे। हर बार अपना वर्ल्ड रिकॉर्ड एक इंच से ही तोड़ते हैं। वह इससे ज्यादा ऊंचाई भी अटेम्ट कर सकते हैं, लेकिन क्यों नहीं करते हैं? इसका जवाब है- पैसा। एथलीट्स को हर बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ने पर $100000 का बोनस मिलता है। यह करीब 86 लाख रुपये होता है। इसलिए मोंडो डुप्लेंटिस हर बार एक इंच से ही वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ते हैं। अभी तक वह 12 लाख डॉलर यानी करीब 10 करोड़ रुपये बोनस पा चुके हैं।
मोंडो डुप्लांटिस ने दो बार ओलंपिक में गोल्ड जीता है। इसके साथ ही दो वर्ल्ड आउटडोर और तीन वर्ल्ड इंडोर चैंपियनशिप भी जीते हैं। वह अभी यूरोपियन चैंपियन भी हैं। 15 साल की उम्र में 2015 में उन्होंने वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था। उन्होंने यूथ, जूनियर और सीनियर तीनों लेवल पर विश्व चैंपियनशिप जीते हैं। चार बार वह डायमंड लीग का फाइनल जीत चुके हैं।
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