तुम लोगों में हिंदू कौन है... सवाल पूछने के बाद मुझे मार दी गोली, लाशों के बीच पड़े रहे जख्मी सुबोध पाटिल

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मुंबई: पहलगाम हमले को अपनी आंखों से देखने और गोली झेलने वाले इकलौते चश्मदीद सुबोध पाटिल ने बड़ा खुलासा किया है। श्रीनगर के अस्पताल में इलाज के बाद महाराष्ट्र लौटे रायगढ़ जिले के पनवेल निवासी सुबोध पाटिल के अनुसार शुक्रवार को हमले की आंखों देखी बताई। जीवित बचे पाटिल ने कहा, हमने अपने पीछे से कुछ आवाज़ सुनी, लेकिन उसे पहचान नहीं पाए। फिर हमने लगातार आवाजें सुनीं और लोगों को भागते देखा। हम डर गए, इसलिए हम भी भागने लगे। हमने देखा कि हमारे आगे कुछ लोग साथ बैठे हैं, इसलिए हम भी वहीं बैठ गए। एक आतंकवादी आया और बोला कि तुममें से कौन-कौन हिंदू हैं? खड़े हो जाओ।
'खड़े होते ही कर दी फायरिंग...'पाटिल के अनुसार इसके बाद उसने फायरिंग शुरू कर दी। मुझे गोली लगी और मैं बेहोश हो गया। मैं कई घंटों बाद उठा और मैंने खुद को लाशों से घिरा पाया। जिस स्थानीय व्यक्ति ने मुझे वहां (बैसरन वैली घास का मैदान) ऊपर लाया था, उसने मुझे पहचान लिया। उसने मुझे पानी पिलाया और अपनी पीठ पर लादकर बाहर निकाला। वहां से वह मुझे बाइक पर नीचे की ओर ले गया। सेना के जवानों ने मेरी पट्टियां बांधी और मुझे अस्पताल ले गए। वहां से मुझे हेलीकॉप्टर से सेना के अस्पताल ले जाया गया। मैं वहां सात दिनों तक भर्ती रहा। सुबोध पाटिल के कंधे और गर्दन के पास गोली लगी थी। शिंदे-राहुल गांधी की थी मुलाकात
पहलगाम की बैसरन वैली हमले में गोली लगने के बाद जीवित बचे सुबोध पाटिल जब श्रीनगर में भर्ती थे तो वहां पर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुलाकात की थी। इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र के तमाम टूरिस्ट को सरकार ने रेस्क्यू किया था। सुबोध पाटिल श्रीनगर में इलाज पूरा होने के बाद लौटे हैं। वह एक ग्रुप के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने के लिए गए थे। महाराष्ट्र सरकार ने पहलगाम में मारे गए लोगों के परिवार को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायत देने का ऐलान किया है। इसके सीएम फडणवीस ने पुणे में मृतक संतोष जगदाले की बेटी को नौकरी देने का ऐलान किया है।