अमेरिका फर्स्ट या फैमिली... ट्रंप परिवार के इस नए बिजनेस से क्यों बढ़ी टेंशन? पाकिस्तान वाले से खूब हो रही कमाई
नई दिल्ली: ट्रंप परिवार एक नई मोबाइल फोन कंपनीशुरू करने जा रहा है। यह घोषणा डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए शुरू किए गए कई व्यवसायों में से एक है। इससे चिंता बढ़ गई है कि ट्रंप अपने निजी फायदे के लिए सरकारी नीतियों को बदल सकते हैं। कंपनी अमेरिका में ही फोन बनाएगी और कॉल सेंटर भी यहीं होंगे। इसका नाम ट्रंप मोबाइल और फोन का नाम T1 फोन बताया जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के परिवार का नई मोबाइल फोन कंपनी शुरू करना मुख्य रूप से 'अमेरिका फर्स्ट' की उनकी राजनीतिक विचारधारा और उनके परिवार के व्यावसायिक हितों के बीच संभावित टकराव से जुड़ा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेटों में से एक एरिक ट्रंप इस नए कारोबार को संभालेंगे। नई मोबाइल फोन कंपनी की घोषणा पश्चिम एशिया में रियल एस्टेट के सौदों के बाद हुई है। इसमें कतर में एक गोल्फ डेवलपमेंट की घोषणा भी शामिल है, जो अप्रैल में हुई थी। इसके अलावा, वियतनाम में गोल्फ कोर्स, होटल और रियल एस्टेट परियोजनाओं के निर्माण के लिए 1.5 अरब डॉलर की साझेदारी को भी पिछले महीने मंजूरी मिली थी। हालांकि, इस पर बातचीत ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ही शुरू हो गई थी।
ऐपल को निशाने पर लिया था
पिछले महीने ट्रंप ने ऐपल की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि ऐपल अपने ज्यादातर आईफोन भारत में बनाने की योजना बना रही है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर ऐपल अपने उत्पादों का निर्माण अमेरिका में शुरू नहीं करती है तो वह मोबाइल फोन पर 25 फीसदी का शुल्क लगाएंगे। ट्रंप ने कहा था, 'अगर कंपनी अपने देश में उत्पादों की मैन्यूफैक्चरिंग शुरू नहीं करती है तो वह मोबाइल फोन पर 25 फीसदी शुल्क लगाएंगे।' इसका मतलब है कि अगर ऐपल अमेरिका में फोन नहीं बनाती है तो उसे बाहर से फोन लाने पर ज्यादा टैक्स देना होगा।
नई मोबाइल फोन कंपनी का उद्देश्य अमेरिका में नौकरियां पैदा करना है। एरिक ट्रंप का कहना है कि वे अमेरिका में ही फोन बनाएंगे और कॉल सेंटर भी यहीं खोलेंगे। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा। हालांकि, कुछ लोगों को चिंता है कि ट्रंप परिवार अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके अपने कारोबार को फायदा पहुंचा सकता है।
चर्चा में पाकिस्तान के साथ निजी कारोबारी संबंध
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के साथ उनके वित्तीय संबंध भी चर्चा में हैं। इसमें पाकिस्तान का क्रिप्टो निवेश शामिल है। हाल में जियोस्ट्रैटेजिक एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट में लिखा, 'ट्रंप ने पद पर रहते हुए भी अपनी निजी क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा दिया है।' उन्होंने पाकिस्तान के ट्रंप परिवार से जुड़ी एक फर्म में किए गए विवादास्पद निवेश का हवाला दिया। यह ट्रंप परिवार के लिए बंपर कमाई का जरिया बना है।
ट्रंप-पाकिस्तान क्रिप्टो कनेक्शन 26 अप्रैल से शुरू होते हैं। तब क्रिप्टो एक्सचेंज फर्म वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल इंक. (WLFI) ने नवगठित पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (PCC) के साथ एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इस कंपनी का स्वामित्व ट्रंप परिवार के पास है। WLFI में डोनाल्ड जूनियर, एरिक ट्रंप और बैरोन ट्रंप भी नेतृत्व का हिस्सा हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेटों में से एक एरिक ट्रंप इस नए कारोबार को संभालेंगे। नई मोबाइल फोन कंपनी की घोषणा पश्चिम एशिया में रियल एस्टेट के सौदों के बाद हुई है। इसमें कतर में एक गोल्फ डेवलपमेंट की घोषणा भी शामिल है, जो अप्रैल में हुई थी। इसके अलावा, वियतनाम में गोल्फ कोर्स, होटल और रियल एस्टेट परियोजनाओं के निर्माण के लिए 1.5 अरब डॉलर की साझेदारी को भी पिछले महीने मंजूरी मिली थी। हालांकि, इस पर बातचीत ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ही शुरू हो गई थी।
ऐपल को निशाने पर लिया था
पिछले महीने ट्रंप ने ऐपल की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि ऐपल अपने ज्यादातर आईफोन भारत में बनाने की योजना बना रही है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर ऐपल अपने उत्पादों का निर्माण अमेरिका में शुरू नहीं करती है तो वह मोबाइल फोन पर 25 फीसदी का शुल्क लगाएंगे। ट्रंप ने कहा था, 'अगर कंपनी अपने देश में उत्पादों की मैन्यूफैक्चरिंग शुरू नहीं करती है तो वह मोबाइल फोन पर 25 फीसदी शुल्क लगाएंगे।' इसका मतलब है कि अगर ऐपल अमेरिका में फोन नहीं बनाती है तो उसे बाहर से फोन लाने पर ज्यादा टैक्स देना होगा।
नई मोबाइल फोन कंपनी का उद्देश्य अमेरिका में नौकरियां पैदा करना है। एरिक ट्रंप का कहना है कि वे अमेरिका में ही फोन बनाएंगे और कॉल सेंटर भी यहीं खोलेंगे। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा। हालांकि, कुछ लोगों को चिंता है कि ट्रंप परिवार अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके अपने कारोबार को फायदा पहुंचा सकता है।
चर्चा में पाकिस्तान के साथ निजी कारोबारी संबंध
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के साथ उनके वित्तीय संबंध भी चर्चा में हैं। इसमें पाकिस्तान का क्रिप्टो निवेश शामिल है। हाल में जियोस्ट्रैटेजिक एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट में लिखा, 'ट्रंप ने पद पर रहते हुए भी अपनी निजी क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा दिया है।' उन्होंने पाकिस्तान के ट्रंप परिवार से जुड़ी एक फर्म में किए गए विवादास्पद निवेश का हवाला दिया। यह ट्रंप परिवार के लिए बंपर कमाई का जरिया बना है।
ट्रंप-पाकिस्तान क्रिप्टो कनेक्शन 26 अप्रैल से शुरू होते हैं। तब क्रिप्टो एक्सचेंज फर्म वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल इंक. (WLFI) ने नवगठित पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (PCC) के साथ एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इस कंपनी का स्वामित्व ट्रंप परिवार के पास है। WLFI में डोनाल्ड जूनियर, एरिक ट्रंप और बैरोन ट्रंप भी नेतृत्व का हिस्सा हैं।
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