Delhi News: फाइलों में बंद है डिवेलपमेंट, 'जमीन' पर पब्लिक परेशान, छतरपुर, महरौली में कई योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पाई
नई दिल्लीः स्वास्थ्य, शैक्षणिक विकास और छतरपुर, महरौली की नागरिक सुविधाओं के लिए बनी दर्जन भर योजनाएं 10 साल से अधिक समय से सरकारी फाइलों में बंद पड़ी हैं। छतरपुर के विकास के लिए जोनापुर में विश्व स्तरीय स्किल यूनिवर्सिटी बननी थी। 2000 बेड क्षमता का स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल, गर्ल्स के लिए डिग्री कॉलेज, मांडी रोड को चौड़ा करने, जाम से छुटकारा पाने के लिए तिवोली गार्डन से 100 फुटा रोड और CDR चौक तक फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव है।
LG से मुलाकात भी की
बता दें कि इसके अलावा पीने के पानी की समस्या को सुलझाने के लिए 80 एमजीडी क्षमता का वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट आदि योजनाएं है, जो सरकारी फाइलों में बंद है। यहां रहने वाले ऋषिपाल ने बताया कि स्किल यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, वॉटर ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट और मांडी रोड को चौड़ा करने के मुद्दे को लेकर विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि मंडल ने LG से मुलाकात भी की है।
सरकार से भी लोगों ने रखी मांग
दिल्ली सरकार से भी लोगों ने संपर्क करके इन योजनाओं को जल्दी पूरा करने की मांग रखी है। लेकिन, अभी तक कुछ नहीं हुआ है। जोनापुर में स्किल यूनिवर्सिटी बनने से युवाओं के तकनीकी विकास और रोजगार के लिए भविष्य दिखाई दे रहा था। लेकिन, 2014 से यूनिवर्सिटी बनाने का काम बंद पड़ा हुआ है। RWA प्रेजेंट रविंद्र सिंह ने बताया कि पीने के पानी की किल्लत को लेकर कई साल पहले योजना बनी जरूर, लेकिन उसको बनाने का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। योजना से छतरपुर क्षेत्र में पीने की पानी की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।
LG से मुलाकात भी की
बता दें कि इसके अलावा पीने के पानी की समस्या को सुलझाने के लिए 80 एमजीडी क्षमता का वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट आदि योजनाएं है, जो सरकारी फाइलों में बंद है। यहां रहने वाले ऋषिपाल ने बताया कि स्किल यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, वॉटर ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट और मांडी रोड को चौड़ा करने के मुद्दे को लेकर विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि मंडल ने LG से मुलाकात भी की है।
सरकार से भी लोगों ने रखी मांग
दिल्ली सरकार से भी लोगों ने संपर्क करके इन योजनाओं को जल्दी पूरा करने की मांग रखी है। लेकिन, अभी तक कुछ नहीं हुआ है। जोनापुर में स्किल यूनिवर्सिटी बनने से युवाओं के तकनीकी विकास और रोजगार के लिए भविष्य दिखाई दे रहा था। लेकिन, 2014 से यूनिवर्सिटी बनाने का काम बंद पड़ा हुआ है। RWA प्रेजेंट रविंद्र सिंह ने बताया कि पीने के पानी की किल्लत को लेकर कई साल पहले योजना बनी जरूर, लेकिन उसको बनाने का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। योजना से छतरपुर क्षेत्र में पीने की पानी की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।
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