'जाति' पर ट्रैफिक पुलिस की चोट, रोज़ 50 वाहनों के चालान

Hero Image
Newspoint
नोएडा में अब अपनी गाड़ी पर जाति, धर्म या राजनीतिक पार्टी का नाम लिखना आपको भारी पड़ सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के कड़े आदेश के बाद, ट्रैफिक पुलिस ऐसे वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है। पिछले 10 दिनों में ही 507 गाड़ियों का चालान किया गया है, जिन पर जाति लिखी थी। यह खबर उन लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो अपनी गाड़ी को अपनी पहचान का जरिया मानते हैं और नियमों को ताक पर रखते हैं। पुलिस ने इसके लिए एक खास टीम बनाई है। यह टीम चौराहों पर नजर रखती है और तुरंत ऑनलाइन चालान करती है।



दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाहनों पर जातिसूचक नाम लिखने के चलन पर बहुत नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने इसे गलत बताया था। कोर्ट के इस सख्त आदेश के बाद ही जिले की ट्रैफिक पुलिस हरकत में आई है। पुलिस ने तुरंत इस पर काम करना शुरू कर दिया।



जिले में अभी भी कई गाड़ियां सड़कों पर दिखती हैं। इन पर 'जाट', 'गुर्जर', 'ब्राह्मण', 'राजपूत' जैसे जाति वाले शब्द लिखे होते हैं। कुछ लोग अपनी गाड़ी पर किसी राजनीतिक पार्टी का चुनाव चिह्न या झंडा भी लगा लेते हैं। ये सब नियमों का उल्लंघन है। इन सभी पर रोक लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने एक विशेष अभियान चलाया है।



ट्रैफिक पुलिस ने इस काम के लिए एक विशेष टीम बनाई है। इस टीम के कर्मी अब ट्रैफिक सिग्नल और चौराहों पर ड्यूटी करते हैं। वे ऐसे वाहनों पर बहुत ध्यान से नजर रखते हैं। जैसे ही कोई ऐसी गाड़ी दिखती है, वे तुरंत उसका ऑनलाइन चालान कर देते हैं। यह तरीका बहुत असरदार साबित हो रहा है।



यह कार्रवाई सिर्फ जाति वाले नामों तक ही सीमित नहीं है। ट्रैफिक पुलिस लाल-नीली बत्ती लगाकर चलने वाले वाहनों पर भी सख्ती दिखा रही है। इसके अलावा, जो लोग अपनी नंबर प्लेट पर गलत तरीके से नंबर लिखते हैं, उन पर भी पुलिस की कड़ी नजर है। कुछ लोग तो नंबर प्लेट के नंबरों को ऐसे मोड़-तोड़ कर लिखते हैं कि उन्हें पढ़ना मुश्किल हो जाता है। ऐसे सभी लोगों पर भी पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है।



आंकड़ों की बात करें तो, इस साल जनवरी से अगस्त तक पुलिस ने कई चालान किए हैं। लाल-नीली बत्ती लगाकर चलने वाले 104 से ज़्यादा वाहनों का चालान हुआ है। वहीं, प्रतीक चिन्ह, जाति या पार्टी का झंडा लगाकर नियमों का उल्लंघन करने वाले 137 वाहनों पर भी कार्रवाई की गई है। ये आंकड़े बताते हैं कि पुलिस इस मामले में कितनी गंभीर है। इसलिए, अपनी गाड़ी पर कुछ भी लिखने से पहले अब आपको दो बार सोचना होगा।