कल होगी हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक, 12 एजेंडे पर लग सकती है मुहर; कर्मचारियों को 3% DA मिलने की आस

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली के बाद कुल्लू का दौरा किया। इसके बाद अब शिमला लौट आए हैं और शनिवार को दोपहर बारह बजे मंत्रिमंडल बैठक बुलाई है। ऐसी जानकारी है कि मंत्रिमंडल की बैठक में 12 एजेंडा कैबिनेट ब्रांच के पास पहुंचा है।

ऐसे में प्रदेश के कर्मचारी सरकार से 3 फीसदी डीए की आस लगाए बैठे हैं। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में भी 15 मई 2025 से 3 फीसदी डीए देने की घोषणा की थी। यदि वित्तीय संसाधन जुटाने में सरकार सफल रहती है, तो फिर 3 फीसदी डीए देने पर मुहर लग सकती है।

मौजूदा समय में प्रदेश के कर्मचारियों को 42 फीसदी व केंद्रीय कर्मचारियों को 55 फीसदी डीए मिल रहा है। इसके मुकाबले प्रदेश के कर्मचारियों को अभी 13 फीसदी कम डीए मिल रहा है। बैठक में विमल नेगी मौत मामले की जांच प्रक्रिया के बीच अफसरशाही में नजर आई तालमेल की कमी को लेकर भी चर्चा हो सकती है।

मंत्रिमंडल की तरफ से गठित मंत्रिमंडलीय उपसमितियों की सिफारिश के आधार पर निर्णय लिया जा सकता है। प्रदेश में वित्तीय संसाधनों को जुटाने के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है।

उपसमिति ने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 59 वर्ष करने व पेंशन कम्यूटेशन को लेकर सिफारिश की है। यानी मंत्रिमंडल को अभी इस बारे में अंतिम निर्णय लेना है। इसी तरह शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में करुणामूलक आधार पर नौकरी देने को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है।

इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार को करुणामूलक आधार पर नौकरी देने को लेकर अंतिम निर्णय लेना है। यदि यह रिपोर्ट पर बैठक में चर्चा के लिए आती है, तो करुणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार करने वाले परिवारों को राहत मिल सकती है।

सरकार हर महीने सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को वर्ष में एक या 2 बार एक साथ सेवानिवृत्त करने जैसे विषय पर भी विचार कर रही है। इसको लेकर भी मंत्रिमंडल को अंतिम निर्णय लेना है। विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने एवं मुख्यमंत्री की हाल ही की घोषणाओं पर भी मुहर लग सकती है।

साथ ही कम संख्या वाले स्कूलों को बंद करने संबंधी प्रस्ताव शिक्षा विभाग की तरफ से लाए जाने की स्थिति में कोई निर्णय हो सकता है। सरकार की तरफ से इस बारे में शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगी गई थी।