सरकारी शिक्षकों के लिए जरूरी खबर, शिक्षा विभाग ने छुट्टी को लेकर जारी की नई गाइडलाइन
राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए पूर्व से लागू अवकाश की स्वीकृति हेतु नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शिक्षकों को अवकाश देने में स्पष्टता और पारदर्शिता बरतें और नये दिशा-निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित कराएं और खुद भी करें।
शिक्षा विभाग के उप सचिव अमित कुमार पुष्पक की ओर से निर्गत दिशा-निर्देश में कहा गया है कि राज्य के प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाध्यापकों, प्रधान शिक्षकों, सहायक शिक्षकों, विशिष्ट शिक्षकों, विद्यालय अध्यापकों (स्थानीय निकाय के शिक्षकों को छोड़कर) को बिहार सेवा संहिता के नियमों के तहत अवकाश अनुमान्य है, लेकिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि विभिन्न जिलों में अवकाश की स्वीकृति की प्रक्रिया में एकरूपता, स्पष्टता एवं पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। जिससे उक्त शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों को अवकाश स्वीकृत कराने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए विभाग के स्तर से निर्गत गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित करें।
अवकाश के प्रकारआकस्मिक अवकाश- यह प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में 16 दिन अनुमान्य होगा। यह सार्वजनिक अवकाश सहित लगातार 12 दिनों से अधिक अवधि के लिए स्वीकृत नहीं की जा सकेगी।आवेदन की तिथि को ही सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्णय लिया जाएगा।
विशेष आकस्मिक अवकाश- महिला शिक्षकों के लिए प्रत्येक माह में लगातार दो दिन अनुमान्य है। यह सार्वजनिक एवं आकस्मिक अवकाश सहित लगातार 12 दिनों से अधिक अवधि के लिए स्वीकृत नहीं की जा सकेगी।
अवयस्क संतान वाली महिला कर्मचारियों को उनकी संपूर्ण सेवा अवधि के दौरान, केवल दो संतान तक उनकी परीक्षा, बीमारी की दशा में पालन-पोषण या देखभाल के लिए दो वर्ष अवकाश देय। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा आवेदन प्राप्ति की तिथि से सात दिनों के अंदर इसकी स्वीकृति/अस्वीकृति का निर्णय लिया जाएगा।
उपार्जित अवकाश- अधिकतम 300 दिनों तक यह अवकाश संचित होगा।
आधे वेतन पर छुट्टी- यह छुट्टी निजी काम के लिए और स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र पर भी मिल सकती है। आधे वेतन पर छुट्टी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र पर या निजी काम के लिए, एक समय में चाहे जितने दिनों तक ली जा सकती है और यह तब भी लागू होगा जब ऐसी छुट्टी निवृत्ति के पूर्व ली जाए। यह छुट्टी तबतक न दी जाएगी, जबतक कि छुट्टी मंजूर करने में सक्षम प्राधिकार को ऐसा विश्वास करने का कारण न हो कि सरकारी सेवक छुट्टी बीत जाने के बाद कर्तव्य पर लौट आएगा।
रूपांतरित छुट्टी- पूरे सेवाकाल में अधिकतम 180 दिनों तक देय है। 180 दिन यानी आधा वेतन की अर्जित 360 दिनों के अवकाश के विरुद्ध 180 दिनों का पूर्ण वेतन पर अवकाश का रूपांतरण होगा। यदि आधा वेतन का अवकाश 360 दिनों से कम अर्जित होगा तो उतने कम दिनों का ऐसे अवकाश का रूपांतरण की स्वीकृत दी जाएगी।
असाधारण अवकाश- उक्त अवकाश की अवधि का कोई वेतनादि देय नहीं होगा।
अदेय छुट्टी (लीव नॉट ड्यू)- यह छुट्टी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र पर दी जा सकती है। यह छुट्टी समूचे सेवाकाल में 180 दिन दी जा सकती है। सरकारी सेवक जो आधा वेतन पर छुट्टी बाद में उपार्जित करेंगे, उससे यह छुट्टी काट ली जाएगी।