जन्माष्टमी पर केक काटना चाहिए या नहीं? प्रेमानंद महाराज ने दूर किया कंफ्यूजन!

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जन्माष्टमी पर भक्त श्रीकृष्ण का श्रृंगार करते हैं, उन्हें आभूषण-फूलों से सजाते हैं और विशेष भोग अर्पित करते हैं. आजकल कई लोग जन्माष्टमी पर केक काटकर भी श्रीकृष्ण का जन्मदिन मनाते हैं.

लेकिन क्या जन्माष्टमी पर केक काटना सही है? आइए जानते हैं कि इसपर प्रेमानंद जी महाराज ने क्या कहा.

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वृंदावन धाम में अपने प्रवचनों से भक्तों को प्रेरित करने वाले प्रेमानंद महाराज से हाल ही में एक भक्त ने सवाल पूछा कि जन्माष्टमी पर केक काटकर ठाकुर जी का जन्मदिन मनाना सही है या नहीं?

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प्रेमानंद जी महाराज ने इस सवाल पर कहा कि ज्यादातर बेकरी में अंडा युक्त और अंडा रहित दोनों तरह के केक बनते हैं. ऐसे में केक की शुद्धता की गारंटी नहीं होती, इसलिए पूजा में केक का इस्तेमाल करना सही नहीं है.

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प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जो लोग धार्मिक विधि-विधान से अनजान होते हैं और अपने तरीकों से कान्हा जी का जन्मदिन मनाते हैं. लेकिन भोग में किसी भी ऐसी चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जो धर्मशास्त्रों के अनुसार वर्जित हो.

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प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को वही भोग लगाना चाहिए जो सात्विक हो. अंडा तामसिक भोजन में आता है और उनकी पूजा में केक का इस्तेमाल करना या केक काटना धार्मिक दृष्टि से शुभ नहीं होता है.

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अगर वास्तव में जन्माष्टमी को उत्सव की तरह मनाना चाहते हैं, तो वृंदावन आएं और जन्माष्टमी पर केक काटने की बजाय पारंपरिक और सात्विक भोग से भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएं- प्रेमानंद महाराज.

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