Travel Insurance: प्लेन क्रैश में कितना मुआवजा मिलता है, ट्रैवल इंश्योरेंस कितना जरूरी?

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Travel Insurance Plane Crash India: अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का प्लेन टेकऑफ के कुछ ही मिनटों में हादसे का शिकार हो गया। प्लेन में 242 लोग सवार थे। इस हादसे ने फ्लाइट से अक्सर सफर करने वाले पैसेंजर्स के सामने कई सवाल खड़े कर दिए, खासकर सेफ्टी और कंपसेशन को लेकर।

इसमें सबसे अहम सवाल है कि अगर कभी ऐसा हादसा हो जाए, तो नुकसान की भरपाई कौन करता है? क्या ट्रैवल इंश्योरेंस हेल्प करता है? अगर इंश्योरेंस नहीं है तो क्या कुछ मिलेगा? यहां हम आपको बेहद सिंपल तरीके से बताएंगे कि प्लेन हादसे के बाद क्या-क्या होता है और आपको क्या करना चाहिए..

क्या प्लेन क्रैश के बाद एयरलाइंस मुआवजा देती है?

भारत में प्लेन क्रैश या किसी गंभीर हादसे में एयरलाइन की जिम्मेदारी मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 (Montreal Convention 1999) के नियमों से तय होती है। यह एक इंटनेशनल नियम है। इसके मुताबिक, हर मृतक या घायल पैसेंजर को एयरलाइन कम से कम ₹1.4 करोड़ (128,821 SDR) तक का मुआवजा देती है, चाहे गलती किसी की भी हो। अगर एयरलाइंस की लापरवाही साबित हो जाए, तो और ज़्यादा मुआवज़ा भी मिल सकता है। घरेलू फ्लाइट्स में भी DGCA के गाइडलाइंस लागू होते हैं, जिनमें लगभग इसी तरह का मुआवजा नियम होता है।

ट्रैवल इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?

अगर आपने ट्रैवल इंश्योरेंस लिया है, तो मुआवजा और मदद और भी जल्दी और ज्यादा मिलती है। इसमें 25 लाख से 1 करोड़ रुपए तक का एक्सीडेंटल डेथ कवर, मेडिकल इमरजेंसी, हॉस्पिटल खर्च और फ्लाइट कैंसिलेशन का कवर, बैग या सामान खो जाए तो भी क्लेम मिल सकता है। कुछ पॉलिसी में हर दिन के हॉस्पिटल के लिए तय अमाउंट भी मिलता है। परमानेंट डिसएबिलिटी की कंडीशन में 5-10 लाख रुपए की कवरेज होती है। लेकिन ध्यान रखें इंश्योरेंस तभी काम आता है जब आपने फ्लाइट से पहले प्लान लिया हो।

अगर ट्रैवल इंश्योरेंस नहीं लिया तो?

फिर भी आपको एयरलाइंस से मुआवजा मिल सकता है (जैसा ऊपर बताया गया)। अगर आप ऑफिस वर्क के लिए सफर कर रहे थे, तो कंपनी की इंश्योरेंस काम आ सकती है। कुछ क्रेडिट कार्ड्स में फ्री ट्रैवल इंश्योरेंस शामिल होता है, टिकट बुकिंग वहीं से की हो तो चेक करें। टूर ऑपरेटर या पैकेज के जरिए ट्रैवल किया हो, तो ग्रुप इंश्योरेंस प्लान का फायदा मिल सकता है।

ट्रैवल इंश्योरेंस में कानूनी पचड़े कब आते हैं?

कई बार मुआवजे में देरी होती है, खासकर जब हादसे की जांच लंबी चलती है। इंश्योरेंस न हो या नॉमिनी की डिटेल्स न दी हों तो केस लंबा चलता है। ऐसे में परिवारों को कंज्यूमर कोर्ट, सिविल कोर्ट या इंश्योरेंस ओम्बड्समैन के पास जाना पड़ता है।

फ्लाइट में सफर करने वालों को ये 4 चीजें जरूर करनी चाहिए

  • हमेशा ट्रैवल इंश्योरेंस लें, घरेलू हो या इंटरनेशनल
  • नॉमिनी की डिटेल्स सही-सही भरें
  • इंश्योरेंस प्लान में 'Accidental + Medical' कवर जरूर हो
  • डिजिटल और प्रिंट कॉपी साथ रखें
  • ट्रैवल इंश्योरेंस कितने में आता है

    यह आपके सफर की लंबाई (Duration) पर डिपेंड करता है। आप कहां जा रहे हैं डोमेस्टिक या इंटरनेशनल, आपकी उम्र और मेडिकल हिस्ट्री, पॉलिसी में कितना कवर है (₹10 लाख या ₹1 करोड़ तक), एक्स्ट्रा कवरेज जैसे कि - बैगेज लॉस, फ्लाइट डिले, मेडिकल इमरजेंस।

    भारत में ट्रैवल इंश्योरेंस का खर्च

    • डोमेस्टिक ट्रैवल इंश्योरेंस- 30 रुपए से लेकर 100 रुपए प्रतिदिन
    • पूरे सफर के लिए करीब 100 रुपए से 500 रुपए (5-7 दिन की यात्रा पर)

    इंटरनेशनल ट्रैवल इंश्योरेंस

    एशिया ट्रैवल- अनुमानित प्रीमियम 300 से 700 रुपए, कवरेज 5-15 लाख

    यूरोप- अनुमानित प्रीमियम 500- 1,200 रुपए, कवरेज 50 लाख से ₹1 करोड़

    UAS या कनाडा- अनुमानित प्रीमियम 1,000- 2,500 रुपए, कवरेज ₹50 लाख से ₹1 करोड़

    ऑस्ट्रेलिया या यूके- अनुमानित प्रीमियम 700 से 1,500 रुपए, कवरेज 25 लाख से 1 करोड़

    क्या एयर इंडिया हादसे के पैसेंजर्स को मुआवजा देगा?

    अहमदाबाद प्लेन हादसे के बाद एअर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने कहा, 'हम गहरे दुख के साथ पुष्टि करते हैं कि अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI-171 एक दर्दनाक हादसे का शिकार हुई। हमारी संवेदनाएं सभी पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। हम सभी ज़रूरी मदद और सपोर्ट पहुंचा रहे हैं।'