PLI Scheme : अब अमेरिका और अफ्रीका में बज रहा 'मेड इन इंडिया' चीनी फोन का डंका
News India Live, Digital Desk: PLI Scheme : आपके हाथ में जो स्मार्टफोन है, उसे एक बार पलटकर देखिए। हो सकता है उस पर Oppo, Vivo, Xiaomi या Motorola (Lenovo) लिखा हो। सालों से ये चीनी कंपनियाँ भारत के विशाल बाज़ार में अपने फोन बेच रही हैं और हम सब उन्हें इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन अब कहानी में एक नया और बेहद दिलचस्प मोड़ आ गया है।
अब ये कंपनियाँ भारत में सिर्फ फोन बेच नहीं रहीं, बल्कि यहीं बनाकर दुनिया के दूसरे देशों को भेज रही हैं।
जी हाँ, जो ‘मेड इन इंडिया’ फोन अब तक हम और आप इस्तेमाल कर रहे थे, अब वो सात समंदर पार अमेरिका, अफ्रीका और मध्य-पूर्व के देशों में भी बिकने लगे हैं। यह एक बहुत बड़ा बदलाव है, जो दिखाता है कि भारत अब सिर्फ एक बड़ा बाज़ार नहीं, बल्कि दुनिया की एक नई ‘फैक्ट्री’ बनने की राह पर है।
यह कोई जादू नहीं है। इसके पीछे भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव’ (PLI) जैसी योजनाओं का बड़ा हाथ है। आसान भाषा में कहें तो, सरकार ने इन कंपनियों से कहा, “आप सिर्फ भारत में बेचिए मत, यहीं बनाइए और यहीं से दुनिया को बेचिए। ऐसा करने पर हम आपको आर्थिक तौर पर मदद करेंगे।”
इस पहल का असर अब दिख रहा है। जो चीनी कंपनियाँ पहले सिर्फ भारत के 140 करोड़ लोगों के लिए फोन बनाती थीं, अब वो भारत को अपना ‘एक्सपोर्ट हब’ बना रही हैं।
इससे हमें और आपको क्या फायदा है?
नौकरियां: इसका सबसे बड़ा और सीधा फायदा आप और हम जैसे आम लोगों को मिलता है। जब बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियाँ लगती हैं और उत्पादन बढ़ता है, तो हज़ारों लोगों को रोज़गार मिलता है।
देश की मजबूती: जब ‘मेड इन इंडिया’ फोन अमेरिका या अफ्रीका में बिकते हैं, तो देश में डॉलर आते हैं, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था मज़बूत होती है।
भारत का बढ़ता कद: यह दुनिया को संदेश देता है कि भारत अब सिर्फ सामान खरीदने वाला देश नहीं, बल्कि उच्च गुणवत्ता का सामान बनाने और बेचने वाला देश भी है। यह चीन के ‘दुनिया की फैक्ट्री’ वाले तमगे को सीधी चुनौती है।
तो अगली बार जब आप किसी चीनी ब्रांड का फोन देखें, तो याद रखिएगा कि अब उसकी कहानी बदल रही है। यह कहानी ‘मेड इन इंडिया’ की है, जो अब भारत से निकलकर पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना रही है।