अजित पवार न्यूज़: 'एक दिन मैं जरूर मुख्यमंत्री बनूंगा'; अजित पवार ने जताया भरोसा

मुंबई: हालांकि राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अभी तक मुख्यमंत्री का पदभार नहीं संभाला है, लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है। “किसी न किसी दिन, मैं महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री अवश्य बनूंगा।” उन्होंने ऐसा विश्वास व्यक्त किया है। उन्होंने यह विचारोत्तेजक बयान मुंबई में आयोजित महाराष्ट्र महोत्सव कार्यक्रम में बोलते हुए दिया। उनसे पूछा गया था कि क्या राज्य को अब एक महिला को मुख्यमंत्री बनने का अवसर देना चाहिए। इस पर बोलते हुए अजित पवार ने कहा, “हां, यह अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए अवसर और सही समय मिलना जरूरी है। मैं भी मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं, लेकिन मुझे अभी तक वह अवसर नहीं मिला है। हालांकि, वह दिन जरूर आएगा।” इस समय उन्होंने यह भी स्पष्ट किया।
उन्होंने आगे कहा, “ममता बनर्जी और जयललिता अपने बल पर सत्ता में आईं। जयललिता ने कई कठिनाइयों को पार किया और लोगों के दिलों में ‘अम्मा’ के रूप में जगह बनाई। ऐसी कई महिलाएं अब तक देश के विभिन्न राज्यों में मुख्यमंत्री बन चुकी हैं। महाराष्ट्र शिव, शाहू, फुले, अंबेडकर की विरासत वाला राज्य है। महाराष्ट्र ने सावित्रीबाई फुले, राजमाता जिजाऊ, तारा रानी की प्रेरक उपलब्धियां देखी हैं। इसलिए, महाराष्ट्र में भी एक महिला मुख्यमंत्री होगी, और मुझे लगता है कि वह दिन दूर नहीं है।”
अजित पवार ने कहा, “राज्य में कई राजनीतिक दल आए और गए। हमारे बीच अक्सर वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन मतभेद होना गलत है। राजनीतिक नेताओं को सद्भाव बनाए रखना चाहिए। कई बार हमने नेताओं के बीच राजनीति से परे दोस्ती के उदाहरण देखे हैं।”
2024 के विधानसभा चुनाव के बाद अजित पवार छठी बार राज्य के उपमुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। इससे पहले वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में उपमुख्यमंत्री थे। सरकार गिरने के बाद उन्होंने शरद पवार से नाता तोड़ लिया, भाजपा के महागठबंधन में शामिल हो गए और फिर से उपमुख्यमंत्री बन गए। अजित पवार पिछले कई वर्षों से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि चाचा शरद पवार से उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। वह पहली बार 1991 में बारामती से लोकसभा के लिए चुने गए और बाद में उन्होंने शरद पवार के लिए यह सीट खाली कर दी। वह पिछले चार दशकों से राज्य की राजनीति में सक्रिय हैं।
किसानों पर बयान के लिए आलोचना
फिलहाल अजित पवार अपने एक बयान को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। 28 मार्च को बारामती में एक कार्यक्रम में उन्होंने राज्य की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि फिलहाल किसानों की कर्ज माफी संभव नहीं है। उन्होंने किसानों से समय पर अपनी किस्तें चुकाने की अपील की थी। इस बयान के लिए उनकी व्यापक आलोचना की गई।