एलन मस्क का फिर विवादित बयान: 'ट्रंप ने एपस्टीन के द्वीप पर रात क्यों नहीं बिताई?' – छेड़ी नई बहस।

एलन मस्क, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) के मालिक हैं, एक बार फिर से एक विवादास्पद बयान के कारण सुर्खियों में हैं। उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और दिवंगत कुख्यात फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन के बीच के कथित रिश्तों को लेकर एक नया षड्यंत्र सिद्धांत (conspiracy theory) छेड़ा है।
एपस्टीन के सहयोगी की ओर से हाल ही में जारी की गई क्लाइंट लिस्ट के दस्तावेजों के संदर्भ में, न्यूयॉर्क पोस्ट ने यह खबर प्रकाशित की थी कि ट्रम्प उन हाई-प्रोफाइल लोगों में शामिल थे जो कभी एपस्टीन के बदनाम निजी द्वीप ‘लिटिल सेंट जेम्स’ पर नहीं गए थे।
इस रिपोर्ट के बावजूद, एलन मस्क ने एक्स पर टिप्पणी की: “यह रहस्यपूर्ण है कि ट्रम्प ने एपस्टीन के उस कुख्यात द्वीप पर रात बिताने से इनकार क्यों किया।” उनके इस बयान ने एक बार फिर बहस छेड़ दी है, भले ही न्यूज़ आउटलेट ने यह बताया हो कि ट्रंप के द्वीप पर रात न बिताने के पुख्ता सबूत हैं।
जेफरी एपस्टीन एक कुख्यात फाइनेंसर था जिस पर नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने और मानव तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क चलाने का आरोप था। 2019 में जेल में उसकी मृत्यु हो गई थी, जिसे आधिकारिक तौर पर आत्महत्या माना गया था, लेकिन कई लोग इसे एक बड़ी साज़िश का हिस्सा मानते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि डोनाल्ड ट्रंप पर यह आरोप कभी नहीं लगा है कि वह एपस्टीन के द्वीप पर यौन अपराधों में शामिल थे या कभी वहाँ रुके थे। यह सही है कि उनके बीच कभी जान-पहचान थी और ट्रंप ने अतीत में एपस्टीन के निजी विमान का भी उपयोग किया था, लेकिन द्वीप पर रात बिताने या किसी गलत गतिविधि में शामिल होने के कोई सबूत नहीं हैं।
यह पहली बार नहीं है जब एलन मस्क ने जेफरी एपस्टीन से संबंधित कोई षड्यंत्र सिद्धांत उठाया है। पहले भी उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स और एपस्टीन को जोड़ते हुए एक सनसनीखेज दावा किया था।
मस्क का यह ताजा ट्वीट ऐसे समय आया है जब एपस्टीन से जुड़े कानूनी दस्तावेज सार्वजनिक हुए हैं, जिसमें दुनिया भर की कई मशहूर हस्तियों के नाम सामने आए हैं। हालाँकि, उन दस्तावेजों में किसी भी यौन दुर्व्यवहार के आरोप के बिना लोगों के नाम मौजूद हैं, जिससे कई निरर्थक अटकलें बढ़ी हैं। मस्क की टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर इस संवेदनशील और अत्यधिक विवादास्पद मुद्दे पर बहस को एक बार फिर भड़का दिया है, जिससे पूर्व राष्ट्रपति के संबंध में अनावश्यक अटकलें बढ़ गई हैं।