'भारत से युद्ध हुआ तो इंग्लैंड चला जाऊंगा…', पाकिस्तानी सांसद का बयान वायरल, पीएम मोदी पर भी दिया हास्यास्पद बयान

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इस्लामाबाद – भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, विवादास्पद पाकिस्तानी सांसद शेर अफजल खान मारवात के एक बयान की न केवल पाकिस्तान में बल्कि पूरे उपमहाद्वीप में कड़ी आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक साक्षात्कार में मारवात ने कहा था, “यदि युद्ध हुआ तो मैं इंग्लैंड भाग जाऊंगी।” उनके बयान से नागरिकों, सैन्य विशेषज्ञों और राजनीतिक पर्यवेक्षकों में रोष व्याप्त है तथा सोशल मीडिया पर उनका जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है।

युद्ध के दौरान पलायन – जनता नाराज है

एक पत्रकार द्वारा पूछे गए एक साधारण सवाल का जवाब देते हुए, मारवात ने कहा, “अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है, तो मैं सीधे इंग्लैंड जाऊंगा।” पाकिस्तानी नागरिकों ने उनके बयान पर गुस्सा जताया है। आलोचकों का कहना है कि एक ओर पाकिस्तानी सैनिक सीमा पर देश के लिए बलिदान दे रहे हैं, और दूसरी ओर एक सांसद खुलेआम अपनी सुरक्षा के लिए विदेश भागने की घोषणा कर रहा है – यह पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व की गंभीर अक्षमता का संकेत है। आम नागरिकों से लेकर पत्रकारों तक, कई लोग सोशल मीडिया पर कह रहे हैं, “जब आपके सांसद ही सुरक्षा के लिए भागने की बात करते हैं, तो सेना के जवानों का मनोबल कैसे बनाए रखा जा सकता है?”

प्रधानमंत्री मोदी पर भी अभद्र टिप्पणी

इस वायरल वीडियो के दूसरे भाग में पत्रकार ने उनसे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में सवाल पूछा। इस पर मारवात ने बेहद गैरजिम्मेदाराना और हास्यास्पद बयान देते हुए कहा, “मोदी मेरी मौसी का बेटा है, वह मेरी सलाह पर पीछे हट जाएगा।” राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह बयान दर्शाता है कि पाकिस्तान में राजनीति कितनी निम्न स्तर पर पहुंच गई है। एक अंतरराष्ट्रीय नेता के बारे में इस तरह के बयान देकर पाकिस्तान दुनिया भर में शर्मिंदा हो रहा है।

मारवात का राजनीतिक इतिहास और आलोचना की विरासत

शेर अफ़ज़ल खान मारवात कभी इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता थे। हालांकि, पार्टी के भीतर आंतरिक मतभेदों के बाद उन्होंने बार-बार इमरान खान की आलोचना की, जिसके कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। उनके बयानों को देखते हुए उनकी राजनीतिक स्थिरता भी सवालों के घेरे में है। वर्तमान में, वे अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए ऐसे विवादास्पद बयानों पर निर्भर दिखते हैं।

श्रेय : सोशल मीडिया

आतंकवादी हमलों के बाद भारत का कड़ा रुख

इस बीच, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले में 26 पर्यटक मारे गए। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने निष्कर्ष निकाला है कि इसके पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों का हाथ है।

हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाया है और पाकिस्तान के खिलाफ तीन महत्वपूर्ण मोर्चों पर कदम उठाए हैं:

1. 1960 की सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है, जिसका पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।

2. पाकिस्तान से आने वाली सभी वस्तुएं, मेल, पार्सल और शिपिंग सेवाएं रोक दी गई हैं। अब कोई भी पाकिस्तानी जहाज भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश नहीं कर सकेगा।

3. सभी पाकिस्तानी अल्पकालिक वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं और संबंधित नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।

दिशाहीन राजनीति और पाकिस्तान में भारत का आक्रामक रुख

युद्ध के बारे में शेर अफ़ज़ल खान मारवात का बयान पाकिस्तानी राजनीति में अस्थिरता और गंभीरता की कमी को उजागर करता है। इस तरह के टालमटोल वाले बयान पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को और गिरा रहे हैं। इसके विपरीत, भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध आक्रामक और स्पष्ट रुख अपनाया है, जो पूरे विश्व को संदेश है कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं करेगा।