Justice Yashwant Verma Cash Scandal Case : जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजी गई

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नई दिल्ली। कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ तीन जजों की आतंरिक जांच समिति की रिपोर्ट राष्ट्रपति के पास भेज दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने जांच रिपोर्ट के साथ इस मामले में जस्टिस वर्मा का जवाब भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा है। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह तय करेंगी कि इस मामले पर आगे क्या कार्रवाई की जाए। हालांकि जांच रिपोर्ट को अभी तक गोपनीय रखा गया है मगर मीडिया रिपोर्ट में ऐसी संभावना जताई जा रही है कि कमेटी ने जस्टिस वर्मा को दोषी पाया है।

इससे पहले सूत्रों के आधार पर यह दावा किया गया था कि जांच रिपोर्ट को देखने के बाद सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इस्तीफा देने का विकल्प दिया था। उनसे कहा गया कि या तो अपना इस्तीफा दे दें अन्यथा उनके खिलाफ महाभियोग के लिए जांच रिपोर्ट को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। जस्टिस वर्मा के खिलाफ कैश बरामदगी मामले की जांच के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज अनु शिवरामन की तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट 5 मई को सीजेआई संजीव खन्ना को सौंप दिया था।

बता दें कि जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर होली के समय आग लग गई थी। आग बुझाने के बाद दमकलकर्मियों को एक स्टोर रूम से बड़ी संख्या में आधे जले हुए नोट मिले। इसके बाद जस्टिस वर्मा विवादों में घिर गए और उनका तबादला दिल्ली हाईकोर्ट से उनके मूल कोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय कर दिया गया। सीजेआई ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच कमेटी गठित की। जस्टिस वर्मा के किसी भी प्रकार के न्यायिक कार्य को करने पर सीजेआई ने रोक लगा रखी है।

 

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