Former ATS Officer's Revelation In Malegaon Blast Case : मालेगांव ब्लास्ट केस में मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश थे, एटीएस के पूर्व अधिकारी ने किया खुलासा

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नई दिल्ली। मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष अदालत के द्वारा साध्वी प्रज्ञा समेत सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने के बाद अब आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) के एक पूर्व अधिकारी ने कई बड़े खुलासे किए हैं। रिटायर इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने दावा किया है कि इस केस में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर संघचालक मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश थे। केस के तत्कालीन जांचकर्ता अधिकारी परमवीर सिंह और उनसे भी बड़े एक अधिकारी ने भागवत को गिरफ्तार करने का दबाव बनाया था। उन्होंने कहा कि भागवत की गिरफ्तारी के जरिए भगवा आतंकवाद वाली थ्योरी को प्रूव करना था।

महबूब मुजावर ने बताया, जांच अधिकारी परमवीर सिंह ने मुझे मोहन भागवत को इस केस में फंसाने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। मुझसे केस की गलत जांच करने को कहा गया, जब मैंने इसका विरोध किया तो मुझे ही झूठे मामलों में फंसा दिया गया। हालांकि बाद में कोर्ट ने मुझे सभी आरोपों से बरी कर दिया। मुजावर ने ये भी कहा कि जिन दो संदिग्ध संदीप डांगे और रामजी कलसंगरा की मौत हो चुकी थी, उन्हें जानबूझकर चार्जशीट में जिंदा दिखाया गया, मुझे उनकी लोकेशन ट्रेस करने के आदेश दिए गए। मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ जो सभी निर्दोष लोगों को कोर्ट ने बरी कर दिया।

मुजावर ने तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शिंदे को अब सब कुछ स्पष्ट करना चाहिए। मुजावर बोले, भगवा आतंकवाद जैसी कोई चीज नहीं थी, सब कुछ फर्जी था। आपको बता दें कि 2008 में हुए इस बम विस्फोट में 6 लोग मारे गए थे और 101 घायल हुए थे। लगभग 17 साल के बाद एनआईए स्पेशल कोर्ट ने एक दिन पहले ही इस मामले में फैसला सुनाया है। मुजावर ने कहा कि गलत आदेशों का पालन न करने की वजह से मेरा करियर भी बर्बाद हो गया।

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