आरबीआई का नया आदेश: एटीएम से 100 और 200 रुपये के नोट निकालना होगा आसान

जब आप एटीएम से पैसे निकालने जाते हैं, तो अक्सर छोटे नोटों की कमी का सामना करना पड़ता है, जिससे आपको 500 रुपये के नोट निकालने पड़ते हैं। लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस समस्या का समाधान निकालने का निर्णय लिया है। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि एटीएम से 100 और 200 रुपये के नोट भी उपलब्ध हों।
नोटों की उपलब्धता बढ़ाने की आवश्यकता
आरबीआई ने सोमवार को बैंकों को यह निर्देश दिया कि आम जनता के लिए 100 और 200 रुपये के नोटों की उपलब्धता बढ़ाना आवश्यक है। इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों को इस निर्देश को चरणबद्ध तरीके से लागू करना होगा।
व्हाइट लेबल एटीएम की भूमिका
व्हाइट लेबल एटीएम सरकारी और निजी बैंकों के एटीएम की तरह कार्य करते हैं, लेकिन इनका संचालन निजी या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा किया जाता है। इन एटीएम का उपयोग करते समय ग्राहक डेबिट और क्रेडिट कार्ड से नकद निकासी, बैलेंस चेक और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
आरबीआई के परिपत्र की जानकारी
आरबीआई के परिपत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि यह निर्णय 100 और 200 रुपये के नोटों की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए लिया गया है। सभी बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके एटीएम से नियमित रूप से 100 और 200 रुपये के नोट निकलते रहें।
एटीएम में नोटों की उपलब्धता का लक्ष्य
इसमें यह भी कहा गया है कि 30 सितंबर, 2025 तक सभी एटीएम में से 75 प्रतिशत में 100 या 200 रुपये के नोटों का कम से कम एक कैसेट होना चाहिए। इसके बाद, 31 मार्च, 2026 तक 90 प्रतिशत एटीएम में इसी मूल्यवर्ग के नोटों का एक कैसेट होना अनिवार्य होगा।
एटीएम शुल्क में बदलाव
1 मई 2025 से एटीएम से कैश निकासी के नियमों में भी बदलाव होने जा रहा है। यदि कोई ग्राहक अपने होम बैंक नेटवर्क के बाहर किसी एटीएम का उपयोग करता है, तो उसे अधिक शुल्क चुकाना होगा। वर्तमान में, होम बैंक नेटवर्क के बाहर एटीएम का उपयोग करने पर 17 रुपये का शुल्क लगता है, जो 1 मई से बढ़कर 19 रुपये हो जाएगा। इसके अलावा, बैलेंस चेक करने पर शुल्क भी बढ़कर 7 रुपये हो जाएगा।