NCERT की नई पाठ्यपुस्तकों में भारतीय संस्कृति का समावेश, मुगलों का उल्लेख हटाया गया

NCERT की नई पाठ्यपुस्तकों में बदलाव: मुगलों और दिल्ली सल्तनत का उल्लेख हटाया गया: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 7 की पाठ्यपुस्तकों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं, जो भारतीय शिक्षा को समृद्ध और संस्कृति-केंद्रित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन नई किताबों से मुगलों और दिल्ली सल्तनत से संबंधित सभी सामग्री हटा दी गई है, जबकि भारतीय राजवंशों, महाकुंभ, और सरकारी योजनाओं जैसे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को शामिल किया गया है।
यह परिवर्तन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFSE) 2023 के अनुरूप है, जो भारतीय परंपराओं और स्थानीय ज्ञान को बढ़ावा देने पर जोर देती है। आइए, इन परिवर्तनों को विस्तार से समझते हैं।
भारतीय संस्कृति का पाठ्यक्रम में समावेश NCERT: पाठ्यक्रम में भारतीय संस्कृति का समावेश
नई पाठ्यपुस्तकें भारतीय इतिहास, संस्कृति और दर्शन को केंद्र में रखकर तैयार की गई हैं। पहले मुगलों और दिल्ली सल्तनत पर विशेष ध्यान दिया जाता था, लेकिन अब पाठ्यक्रम में भारतीय राजवंशों की गौरवशाली कहानियों को प्रमुखता दी गई है। इसके साथ ही, महाकुंभ जैसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजनों को शामिल किया गया है, जो भारत की धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है। यह कदम छात्रों को अपनी जड़ों से जोड़ने और भारतीय विरासत के प्रति गर्व की भावना जगाने के लिए उठाया गया है।
सरकारी योजनाओं का समावेश सरकार की योजनाओं का उल्लेख
नई पाठ्यपुस्तकों में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी सरकारी पहलों को शामिल करना एक अनूठा प्रयास है। इन योजनाओं के माध्यम से छात्रों को आधुनिक भारत की प्रगति और सामाजिक बदलावों से परिचित कराया जाएगा।
‘मेक इन इंडिया’ जहां आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम है, वहीं ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ लैंगिक समानता और शिक्षा को बढ़ावा देता है। इन पहलों को पाठ्यक्रम में शामिल करने से छात्रों में सामाजिक जागरूकता और राष्ट्रीय गौरव की भावना बढ़ेगी।
NEP और NCFSE 2023 का प्रभाव NEP और NCFSE 2023 का प्रभाव
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFSE) 2023 ने स्कूली शिक्षा को भारतीय संदर्भों के अनुरूप ढालने का रास्ता दिखाया है। इन नीतियों का लक्ष्य है कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहे, बल्कि यह छात्रों को उनकी सांस्कृतिक विरासत, स्थानीय परंपराओं और वैश्विक दृष्टिकोण से जोड़े। NCERT की नई किताबें इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो भारतीय ज्ञान प्रणालियों और दर्शन को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाती हैं।
ये बदलाव क्यों आवश्यक हैं? क्यों जरूरी हैं ये बदलाव?
ये बदलाव सिर्फ पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक बड़े परिवर्तन का हिस्सा हैं। नया पाठ्यक्रम छात्रों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें आधुनिक भारत की प्रगति से अवगत कराएगा। यह कदम शिक्षा को अधिक समावेशी, प्रासंगिक और प्रेरणादायक बनाने की दिशा में एक प्रयास है।
NCERT की नई पाठ्यपुस्तकें भारतीय शिक्षा में एक नया अध्याय शुरू करने जा रही हैं। मुगलों और दिल्ली सल्तनत को हटाकर भारतीय राजवंशों, महाकुंभ और सरकारी योजनाओं को शामिल करना एक साहसिक और प्रगतिशील कदम है। यह बदलाव न केवल छात्रों को अपनी विरासत से जोड़ेगा, बल्कि उन्हें आधुनिक भारत के सपनों से भी प्रेरित करेगा।