जाति जनगणना पर राहुल गांधी का बयान: क्या है सरकार की योजना?

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केंद्र सरकार का जाति जनगणना का ऐलान

केंद्र सरकार ने बुधवार को जाति जनगणना कराने का निर्णय लिया, जिस पर कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे उनके द्वारा सुझाए गए दृष्टिकोण को अपनाने जैसा बताया और इसे एक सकारात्मक कदम माना। राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना का होना एक सही निर्णय है और उन्होंने इसका स्वागत किया। हालांकि, उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी और इसका समय निर्धारण कब किया जाएगा?


तेलंगाना का जाति जनगणना मॉडल

राहुल गांधी ने आगे कहा कि उन्होंने संसद में पहले ही जाति जनगणना कराने की बात कही थी और 50% की सीमा को समाप्त करने का भी सुझाव दिया था। नरेंद्र मोदी ने पहले कहा था कि केवल चार मामले हैं, लेकिन अब, 11 साल बाद यह घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि वे इसका समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार को एक समयसीमा तय करनी चाहिए और यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह कब तक पूरा होगा। तेलंगाना का जाति जनगणना एक सफल मॉडल बन चुका है और यह अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण हो सकता है। उन्होंने सरकार को जाति जनगणना की रूपरेखा तैयार करने में सहयोग देने की पेशकश की।



केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि अगली जनगणना में जाति जनगणना को पारदर्शी तरीके से शामिल किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ विपक्षी दलों ने अपने राज्यों में जाति सर्वेक्षण किए थे, जो राजनीतिक लाभ के लिए किए गए थे। वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार अब पूरे देश में पारदर्शिता के साथ जाति जनगणना करवाएगी। यह जनगणना पहले अप्रैल 2020 में शुरू होने वाली थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।


राहुल गांधी ने बिहार और तेलंगाना जैसे राज्यों के उदाहरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन राज्यों में जाति जनगणना के तरीकों में भिन्नता है और सरकार को इनसे सीखने की आवश्यकता है।