अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा: नक्सलवाद विकास में बाधा
गृह मंत्री ने माओवादियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की
गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में 'बस्तर दशहरा लोकोत्सव' और 'स्वदेशी मेला' के दौरान कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नक्सलवाद विकास के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नक्सलियों से बातचीत की बात कर रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार दोनों नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
शाह ने कहा कि एक आकर्षक आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति लागू की गई है। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे अपने हथियार डाल दें। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में कुछ लोग यह गलत प्रचार करते हैं कि नक्सलवाद विकास की लड़ाई के लिए है, जबकि बस्तर विकास से वंचित रहा है।
युवाओं को मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता
गृह मंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों और बस्तर के विकास में योगदान दें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उग्रवादी शांति भंग करते हैं, तो सुरक्षा बल उन्हें उचित जवाब देंगे।
अमित शाह ने मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन किए और प्रार्थना की कि सुरक्षा बलों को अगले साल 31 मार्च तक बस्तर क्षेत्र को लाल आतंक से मुक्त करने की शक्ति मिले। उन्होंने बताया कि 2023 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद नक्सल विरोधी अभियान तेज हो गए हैं, जिसमें सुरक्षा बलों ने पिछले साल से अब तक 450 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है।
आत्मसमर्पण की नीति
अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पण के लिए सबसे अच्छी नीति बनाई है। एक ही महीने में 500 से अधिक लोगों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही कोई गांव नक्सल मुक्त होगा, राज्य सरकार उसे विकास के लिए एक करोड़ रुपए देगी। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलवाद से किसी का भला नहीं होगा।