भारत-पाकिस्तान युद्ध टला, लेकिन इस बार डोनाल्ड ट्रंप ने नहीं लिया श्रेय: “दो समझदार नेताओं ने खुद फैसला किया”

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भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को टालने के लिए लंबे समय से खुद को श्रेय देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बार अपने सुर बदले। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि यह फैसला दो “बहुत ही समझदार नेताओं” – नरेंद्र मोदी और जनरल असीम मुनीर – ने आपसी सहमति से लिया, और अमेरिका ने इस बार कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं किया।

व्हाइट हाउस में पाक सेना प्रमुख का स्वागत

बुधवार को ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर

को व्हाइट हाउस में लंच के लिए आमंत्रित किया था। इसके बाद ट्रंप ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा:

“मैंने उन्हें इसलिए बुलाया ताकि धन्यवाद दे सकूं — उन्होंने युद्ध से बचने का फैसला किया। मोदी जी भी कुछ दिन पहले यहां थे। हम भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं।”

“यह दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं”

ट्रंप ने आगे कहा:

“मैं बहुत खुश हूं कि दो बहुत ही स्मार्ट लोग — और उनके स्टाफ़ भी — युद्ध को आगे न बढ़ाने का फैसला लिया। यह दो परमाणु शक्तियां हैं, और यह संघर्ष परमाणु युद्ध में बदल सकता था।”

पहले ले चुके थे कई बार श्रेय

मई 10 को भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष विराम (ceasefire) के बाद ट्रंप ने कई बार दावा किया था कि उन्होंने ही दोनों देशों को शांत करवाया और मध्यस्थता की पेशकश की थी।

लेकिन इस बार उन्होंने चौंकाते हुए सीधा श्रेय नहीं लिया

, बल्कि मोदी और मुनीर की दूरदर्शिता को सराहा।

मोदी ने साफ कहा – भारत तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं मानता

इस बयान के कुछ ही घंटे बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कनाडा के कनानास्किस से वीडियो संदेश में कहा:

“प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से स्पष्ट रूप से कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या मध्यस्थता पर कोई चर्चा नहीं हुई।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि युद्ध विराम का फैसला सीधे भारत-पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत से हुआ, और यह इस्लामाबाद के अनुरोध पर शुरू हुआ था।

ट्रंप-मोदी की फोन पर बातचीत

G7 शिखर सम्मेलन से अमेरिका लौटने से पहले मोदी और ट्रंप के बीच 35 मिनट लंबी फोन पर औपचारिक बातचीत

हुई। यह सीज़फायर के बाद पहली बार था जब दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से बात की।

मोदी ने ट्रंप को भारत की स्पष्ट नीति के बारे में बताया कि भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा, और इस पर देश में पूर्ण राजनीतिक सहमति है।

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में इस बार अमेरिका ने सार्वजनिक तौर पर अपनी भूमिका को सीमित बताया है। डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बदलती कूटनीतिक भाषा

का संकेत देता है। हालांकि भारत का रुख स्पष्ट है – किसी भी मुद्दे पर कोई तीसरी पार्टी की जरूरत नहीं।