भारत का अनोखा शिवलिंग जहाँ हर रात महादेव के दर्शन करने आते है जहरीले सांप, वीडियो में जाने पौराणिक काल से जुड़ी मान्यता
भोलेनाथ के मंदिर से जुड़े चमत्कारों के बारे में तो आपने खूब सुना होगा। कभी मंदिर की सीढ़ियों से निकलने वाले संगीत का रहस्य तो कभी गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग पर पड़ने वाली सूर्य और चंद्रमा की किरणें। तो हम यहां जिस मंदिर की बात कर रहे हैं, वह भी अद्भुत है और चमत्कारी मंदिरों की श्रृंखला में से एक है। यह मंदिर बांगरमऊ उन्नाव शहर के दक्षिण कटरा-बिल्हौर मार्ग पर स्थित है।
इस मंदिर में पंचमुखी ज्योतिर्लिंग स्थापित है। जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं उसका नाम 'बोधेश्वर महादेव मंदिर' है। इस मंदिर के बारे में स्थानीय इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. करुणा शंकर शुक्ला का एक शोध पत्र प्रकाशित हुआ है। इसके अनुसार बांगरमऊ में स्थापित पंचमुखी ज्योतिर्लिंग का पत्थर बहुत ही दुर्लभ पत्थर है। कहा जाता है कि यह पत्थर करीब 400 साल पहले गायब हो गया था।
भोलेनाथ ने स्वयं दिए थे मंदिर निर्माण के संकेत
मंदिर के बारे में एक कथा है कि भोलेनाथ ने स्वयं नेवल के राजा को पंचमुखी शिवलिंग, नंदी और नवग्रह स्थापित करने के लिए समझाया था। इसी के चलते मंदिर का नाम बोधेश्वर महादेव मंदिर पड़ा। कहा जाता है कि जब राज्य के अधिकारी शिव, नंदी और नवग्रह को रथ पर ला रहे थे तो राजधानी में प्रवेश करते ही रथ जमीन में धंसने लगा। इसके बाद काफी प्रयास किए गए लेकिन रथ बाहर नहीं निकल सका। तब राजा ने सभी मूर्तियों को उसी स्थान पर स्थापित करवा दिया।
आधी रात और सांपों का ऐसा है रिश्ता
बोधेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित पंचमुखी शिवलिंग मंदिर में आधी रात को दर्जनों सांप शिवलिंग को छूने आते हैं। कहा जाता है कि पंचमुखी शिवलिंग को छूने के बाद सांप जंगल में लौट जाते हैं। दर्जनों की संख्या में आने वाले इन सांपों ने किसी स्थानीय नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। वे सिर्फ शिवलिंग को छूकर लौट जाते हैं।
एक ही प्रार्थना से ठीक हो जाते हैं असाध्य रोग
बोधेश्वर महादेव मंदिर में असाध्य रोगों से पीड़ित श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि अभी भी लोग यहां शिवलिंग को छूकर अपने रोग से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। भोलेनाथ के आशीर्वाद से उनकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। पुजारी बताते हैं कि देश के कोने-कोने से श्रद्धालु भोलेनाथ के दर पर प्रार्थना करने पहुंचते हैं।