अब भारत में दिखी ये 'शापित' मछली, क्या होने वाली है अनहोनी? इंटरनेट पर छिड़ी बहस

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हाल ही में तमिलनाडु के तट पर मछुआरों की जाल में एक दुर्लभ मछली फंसी, जिसने न केवल समुद्री जीव विज्ञानियों का ध्यान खींचा बल्कि सोशल मीडिया पर भी हड़कंप मचा दिया। यह मछली और कोई नहीं बल्कि 'ओरफिश' (Oarfish) है, जिसे रिबनफिश और 'डूम्सडे फिश' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी चांदी जैसी चमकदार त्वचा और रिबन जैसी लंबी शरीर रचना के कारण यह देखने में बेहद अद्भुत लगती है। इसकी लंबाई लगभग 30 फीट तक हो सकती है और सिर पर लाल रंग का एक फिन इसे और भी रहस्यमयी बना देता है।

समुद्र की गहराइयों से सतह पर

ओरफिश आमतौर पर समुद्र की 200 मीटर से अधिक गहराई में पाई जाती है। वैज्ञानिक मानते हैं कि यह मछली सतह पर तभी आती है जब वह घायल या बीमार हो, या फिर समुद्री धाराओं और तापमान में अचानक बदलाव हो। इसलिए इसका सतह पर दिखना एक दुर्लभ घटना होती है।

लेकिन कुछ देशों की लोककथाओं में इस मछली का दिखना एक बुरी घटना का संकेत माना जाता है। विशेष रूप से जापान और फिलीपींस में यह धारणा प्रचलित है कि ओरफिश का दिखाई देना प्राकृतिक आपदा, खासकर भूकंप या सुनामी, के आने का संकेत हो सकता है।

क्यों कहा जाता है इसे ‘प्रलय की मछली’?

जापानी संस्कृति में ओरफिश को 'नमाजु' के रूप में जाना जाता है, जो एक विशाल कैटफिश होती है और यह भूकंपों का कारण मानी जाती है। ओरफिश को उसी अवधारणा के अंतर्गत ‘प्रलय की मछली’ या 'Doomsday Fish' कहा जाने लगा।

कुछ ऐतिहासिक घटनाओं ने इस धारणा को और बल भी दिया है।

  • 2011 जापान: विनाशकारी भूकंप और सुनामी से कुछ हफ्ते पहले जापानी तटों पर दर्जनों ओरफिश देखी गई थीं।

  • 2017 फिलीपींस: भूकंप से पहले वहां दो ओरफिश तट के पास मिली थीं।

  • मेक्सिको: 2020 में ओरफिश दिखने के बाद बड़ा भूकंप आया था।

इन घटनाओं के चलते सोशल मीडिया और आम जनमानस में यह धारणा गहराती जा रही है कि ओरफिश का दिखना किसी बड़े खतरे की चेतावनी हो सकती है।

वैज्ञानिक क्या कहते हैं?

हालांकि वैज्ञानिक इन मान्यताओं को अंधविश्वास की श्रेणी में रखते हैं। 2019 में बुलेटिन ऑफ सिसमोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका में प्रकाशित एक स्टडी में स्पष्ट किया गया कि ओरफिश और भूकंप के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मछली बीमार होने या समुद्री परिस्थितियों में बदलाव के कारण ही सतह पर आती है। तापमान में वृद्धि, समुद्री धाराओं में असंतुलन, और जलवायु परिवर्तन इसके पीछे प्रमुख कारण हो सकते हैं।

जापान के प्रसिद्ध समुद्री जीवविज्ञानी योशियाकी ओरिहारा ने भी स्पष्ट किया कि आज तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि ओरफिश वास्तव में प्राकृतिक आपदा का संकेत देती है।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

तमिलनाडु में ओरफिश के दिखाई देने के बाद से सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। कुछ लोग इसे आने वाली आपदा का संकेत मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे केवल एक दुर्लभ और अद्भुत जीव के रूप में देख रहे हैं।

X (पूर्व ट्विटर) पर साझा किए गए एक वीडियो में इस मछली को मछुआरों की जाल में फंसा हुआ दिखाया गया है। यह वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया और हजारों लोगों ने इसे रीट्वीट और शेयर किया।

“क्या ये संयोग है या कोई चेतावनी?”
“समुद्र के इतने गहरे से ये सतह पर क्यों आई?”
“क्या तमिलनाडु के लिए खतरे की घंटी है?”

ऐसे सवाल सोशल मीडिया पर खूब तैर रहे हैं।