लड़के से लड़की बने अनाया बांगर को इस देश ने दिया बड़ा झटका, ट्रांसजेंडर के खिलाफ लिया गया ऐसा फैसला

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 क्रिकेट न्यूज डेस्क।। पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर की बेटी अनन्या बांगर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। संजय बांगड़ की बेटी अनाया पहले लड़का थी, लेकिन अब उसने लिंग परिवर्तन करा लिया है। वह लड़के से लड़की में बदल गयी है। दो साल पहले उसने हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी करवाई थी। जिसके बाद वह काफी समय तक लंदन में रहीं। अनन्या बांगर ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जो खूब वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में उन्होंने ट्रांसजेंडर्स के लिए आवाज उठाई है। दरअसल, हाल ही में एक क्रिकेट बोर्ड ने ट्रांसजेंडर्स के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है।

ट्रांसजेंडर्स के खिलाफ इस फैसले से नाराज हुईं अनाया बांगर
दरअसल, इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने बड़ा फैसला लिया है। ईसीबी ने ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों के महिला और बालिका मैचों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में ट्रांसजेंडरों को महिलाओं की कानूनी परिभाषा से बाहर रखा गया है। जिसके बाद ईसीबी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि वे हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अद्यतन कानूनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों की पात्रता के संबंध में अपने नियमों में बदलाव की घोषणा कर रहे हैं। ईसीबी के बयान में कहा गया है, "तत्काल प्रभाव से केवल वे खिलाड़ी ही महिला क्रिकेट और बालिका क्रिकेट मैचों में खेलने के पात्र होंगे जिनका जैविक लिंग महिला है।" ट्रांसजेंडर महिलाएं और लड़कियां खुले और मिश्रित क्रिकेट में खेलना जारी रख सकती हैं। अनन्या बांगर ने ईसीबी के इस फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर सवाल उठाए हैं।

अनाया बांगर ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा, 'आज इंग्लैंड की खबरें देखने वाले सभी लोगों के लिए, हां, ईसीबी ने न केवल पेशेवर क्रिकेट में बल्कि खेल के मनोरंजक और जमीनी स्तर पर भी ट्रांस महिलाओं के भाग लेने पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।' यह सिर्फ एक नियम नहीं है. यह एक संदेश है. यह संदेश कहता है कि चाहे आपकी लगन, प्रतिभा, अनुशासन या वर्षों का परिवर्तन कितना भी अच्छा क्यों न हो, फिर भी आपको उतना अच्छा नहीं माना जाएगा। एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने अपना दिल इस खेल के लिए समर्पित कर दिया है, यह मेरे लिए व्यक्तिगत अनुभव है। मैं सिर्फ एक ट्रांस लड़की नहीं हूं, मैं एक क्रिकेटर भी हूं। मुझे इसी खेल में भेदभाव, उत्पीड़न और अदृश्यता का सामना करना पड़ा है। और अब, संस्थाएं ऐसी रेखाएं खींच रही हैं जो हमारे अस्तित्व को पूरी तरह से मिटा देंगी। वे पिच को नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन वे हमारी भावनाओं को कभी नियंत्रित नहीं कर पाएंगे। यह हमारी पारी का अंत नहीं है।


आईसीसी ने भी लिया ये बड़ा फैसला.
इससे पहले, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने भी ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों के अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड ने देशों के घरेलू क्रिकेट में इस नियम को लागू नहीं किया। बोर्ड चाहे तो अपने देश की घरेलू महिला क्रिकेट में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को शामिल कर सकता है। लेकिन इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने घरेलू महिला क्रिकेट में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को शामिल नहीं करने का फैसला किया है।