'आज की सभा है…', क्या मनसे-ठाकरे गुट के बीच होगा गठबंधन, अनिल परब का इशारा देने वाला बयान
हिंदी अनिवार्य करने के सरकारी फैसले को रद्द करने के विरोध में आज वर्ली डोम में मराठी विजय रैली का आयोजन किया जा रहा है। इस रैली के अवसर पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों भाई एक साथ आ रहे हैं। उस पृष्ठभूमि में अनिल परब ने एक विचारोत्तेजक बयान दिया है। अनिल परब उद्धव ठाकरे गुट के नेता हैं। इस रैली के अवसर पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 18 साल बाद एक मंच पर आएंगे। अनिल परब ने कहा, "आज हमारे जीवन का एक स्वर्णिम क्षण है। इस स्वर्णिम क्षण के लिए, बालासाहेब ठाकरे, जिनके लिए उन्होंने मराठी मन को एकजुट किया और मराठी मन को पुरस्कृत किया, आज एक बार फिर ठाकरे बंधु मराठी के मुद्दे पर एक साथ आए हैं।" उन्होंने मराठी मन को पुकारा है। सरकार ने हिंदी अनिवार्य करने के खिलाफ जो भी दबाव बनाया था। उसे विफल कर दिया गया है। आज उसका विजय उत्सव है। हर मराठी व्यक्ति को इस पर गर्व है। अनिल परब ने कहा, "आज हमारे जीवन का एक स्वर्णिम क्षण है। इस स्वर्णिम क्षण के लिए, बालासाहेब ठाकरे, जिनके लिए उन्होंने मराठी मन को एकजुट किया और मराठी मन को पुरस्कृत किया, आज एक बार फिर ठाकरे बंधु मराठी के मुद्दे पर एक साथ आए हैं।" मराठी लोगों की एकता की जीत देखिए
“यह हमारे लिए स्वर्णिम क्षण है। जिस तरह दशहरा, दिवाली और गुड़ी पड़वा हमारे बड़े त्योहार हैं, उसी तरह आज हमारे शिवसैनिकों के लिए भी बड़ा त्योहार है। मराठी लोगों की एकता की जीत देखिए। जब ठाकरे भाइयों ने घोषणा की, तो मराठी लोगों ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी, वह मराठी मन की जीत है। इसलिए हम एक कदम आगे बढ़ रहे हैं,” अनिल परब ने कहा।
सभा के बाद क्या होगा राजनीतिक भविष्य
इस सभा के बाद राजनीतिक भविष्य क्या होगा? अनिल परब ने जवाब दिया, ‘आज पहला चरण है। आगे क्या होगा, यह धीरे-धीरे तय होगा’। यानी भविष्य में मानेस और उद्धव ठाकरे समूह के बीच गठबंधन काफी हद तक इस सभा की सफलता पर निर्भर करेगा कि इसे कैसे अंजाम दिया जाता है।