राजस्थानी फिल्म 'ओमलो' कान फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित की जाएगी। 'ओमलो' की कहानी एक मासूम 7 साल के बच्चे और एक ऊंट की जीवनशैली पर आधारित है। 'ओमलो' का प्रीमियर 13 मई 2025 को कान फिल्म फेस्टिवल में होगा। राजस्थान की धरती पर उभरती कला और संस्कृति को नई पहचान दिलाने वाली फिल्म 'ओमलो' ने कान फिल्म फेस्टिवल में अपनी मौजूदगी दर्ज कराकर इतिहास रच दिया है। फिल्म का प्रीमियर कान फिल्म महोत्सव में होगा।
'ओमलो' की कहानी एक मासूम सात साल के बच्चे और एक ऊंट की जीवनशैली पर आधारित है। फिल्म के निर्माता और निर्देशक सोनू रणदीप चौधरी (लेखक, निर्देशक और निर्माता) ने कहा कि यह फिल्म घरेलू हिंसा, पितृसत्ता और मनोवैज्ञानिक शोषण जैसे गंभीर विषयों को पीढ़ीगत संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती है।
उन्होंने कहा कि फिल्म की सिनेमाई शैली यथार्थवादी और कच्चे सिनेमा का एक उदाहरण है, जो दर्शकों को अंदर तक झकझोर देती है। एक ऊंट और एक बच्चे के बीच के रिश्ते के माध्यम से फिल्म दिखाती है कि कभी-कभी जानवर इंसानों से ज्यादा संवेदनशील होते हैं। उन्होंने कहा कि कान फिल्म महोत्सव में इस फिल्म का चयन राजस्थानी फिल्म उद्योग के लिए गौरव का क्षण है। इससे यह साबित होता है कि सच्ची कहानी और ईमानदार प्रतिनिधित्व वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा बना सकता है।