आईपीएल 2025 का उत्साह पूरे देश में है, लेकिन इस उत्साह के बीच दिल्ली के क्रिकेट प्रेमियों को निराशा भी झेलनी पड़ रही है। इसका कारण टिकटों की बिक्री को लेकर लगातार उठ रहे सवाल हैं। जैसे ही राजधानी के अरुण जेटली स्टेडियम में होने वाले मैचों के टिकट ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं, सस्ते स्टैंड मिनटों में बिकने लगते हैं।
आम प्रशंसक के टिकट बुकिंग साइट पर लॉग ऑन करने से पहले ही टिकटें बिक जाती हैं। दिल्ली कैपिटल्स को अपना दूसरा घरेलू मैदान विशाखापत्तनम दिया गया है। ऐसे में टीम ने वहां कुछ घरेलू मैच खेले हैं और सिर्फ 5 मैच दिल्ली में खेले जाएंगे। पहला मैच 13 अप्रैल को मुंबई इंडियंस के खिलाफ होगा। इस हाई प्रोफाइल मैच के कारण टिकटों की मांग काफी ज्यादा है।
लेकिन सवाल यह है कि जब टिकट बिक्री शुरू होती है तो इतने कम समय में सस्ते टिकट कहां चले जाते हैं? ऐप पर टिकट बुक करने की कोशिश करने वाले कई प्रशंसकों का कहना है कि जैसे ही वे बुक नाउ पर क्लिक करते हैं, लंबी प्रतीक्षा अवधि सामने आने लगती है और जब तक नंबर आता है, तब तक टिकटें बिक चुकी होती हैं। दिल्ली के एक प्रशंसक मोहित ने कहा कि पता ही नहीं चलता कि मैच के टिकट कब शुरू हुए और कब बंद हो गए। जब ऑनलाइन टिकटें खोली गईं तो वे सभी बिक चुकी थीं। ऑनलाइन टिकटें सिर्फ आधे घंटे के लिए खुली थीं और वह भी बिक गईं।
दिल्ली में मुंबई और बेंगलुरु जैसी टीमों के मैचों में अक्सर ऐसा देखने को मिलता है और फिर टिकट ब्लैक में बिकते हैं। इस बार भी लोगों को संदेह है कि किसी एक चैनल के जरिए बड़ी संख्या में टिकटें ब्लॉक कर दी जाती हैं। डीडीसीए के बाहर खड़े प्रशंसकों ने बताया कि पहले मुंबई मैच के टिकट ऑनलाइन खोले गए थे।
फिर इस मैच के टिकट बंद कर दिए गए और 16 अप्रैल को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ होने वाले मैच के टिकट खोल दिए गए। सवाल यह उठता है कि 13 अप्रैल के मैच को छोड़कर 16 अप्रैल के टिकट ऑनलाइन क्यों बेचे गए? डीडीसीए ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि टिकटों की बिक्री पूरी तरह से फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के हाथ में है। एसोसिएशन की इसमें कोई भूमिका नहीं है।